
07 मई ( ) निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंजाब के निर्देशानुसार एवं सिविल सर्जन फतेहगढ़ साहिब डाॅ. दविंदरजीत कौर के नेतृत्व में जिले में मलेरिया रोधी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसके तहत सभी सरकारी, गैर-सरकारी संस्थान, कॉलेज, विश्वविद्यालय और स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर पहुंच रही हैं और जागरूक कर रही हैं। इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए डाॅ. दविंदरजीत कौर ने बताया कि जिले के अंतर्गत गठित 55 मलेरिया रोधी टीमों ने अब तक 7444 घरों/संस्थागत भवनों की जांच की, जिनमें से 300 स्थानों पर मच्छर का लार्वा पाया गया, जिन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया और 983 स्थानों पर छिड़काव किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में अब तक मलेरिया बुखार के 151 संदिग्ध मरीजों की ब्लड स्लाइड बनाई गई, जिनमें से कोई भी मलेरिया पॉजिटिव नहीं निकला। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से गांवों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं और 277 स्थानों पर समूह बैठकें भी की गई हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मलेरिया से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे विभाग द्वारा सुझाई गई मलेरिया रोधी सावधानियों का पालन सुनिश्चित करें। इस मौके पर जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. गुरप्रीत कौर ने कहा कि मलेरिया की जांच व इलाज सभी स्वास्थ्य संस्थानों में किया जाता है। इसलिए अगर आपको किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में अपना चेकअप कराएं। उन्होंने कहा कि मलेरिया का मच्छर ज्यादातर रात में काटता है और यह रुके हुए पानी और तालाबों आदि में पनपता है, इसके प्रजनन को रोकने के लिए पानी जमा नहीं होने देना चाहिए और अपशिष्ट जल का उचित निपटान करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, उल्टी, पेट दर्द, शरीर में दर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा से संपर्क करें।