कनाडाई सिखों में विशेष रूप से पगड़ी और दाढ़ी रखने वालों के साथ नस्लवाद और घृणा अपराधों में वृद्धि की घटनाओं से भारत में चिंता बढ़ गई है। खासकर अभिभावकों में खासी चिंता है, जिनके बच्चे कनाडा में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं या फिर वहां पर वर्क परमिट पर हैं। हाल ही में लगातार हो रही हत्याओं की घटनाओं ने सिख जगत में भी रोष की लहर पैदा कर दी है।
कनाडा की धरती पर नस्लीय हमले बढ़े
हिस्ट्री के नामचीन प्रो कुणाल का कहना है कि नस्लीय हिंसा की घटनाएं तो 1907 से चल रही हैं। 1907 का बेलिंगहैम रेस दंगा में ज्यादातर सिख निशाना बनाया गया। इसका असर कनाडा और प्रशांत उत्तर-पश्चिम में अप्रवासी विरोधी भावनाओं पर भी पड़ा 1914 की कामागाटामारू घटना ने इस भावना को और उजागर किया जब 376 भारतीय यात्रियों, जिनमें ज्यादातर सिख थे, को कनाडा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया और उन्हें भारत लौटने के लिए मजबूर किया गया, जहां कई लोगों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। बीच में कुछ घटनाएं कम हो गयी लेकिन अब फिर से बढ़ने लगी है, जो चिंता का विषय है।

घटनाओं से पंजाबी समुदाय चिंतित
कनाडा के नामचीन लेखक सुखविंदर सिंह चोहला का कहना है कि लगातार हो रही घटनाओं से पंजाबी समुदाय चिंतित है। ऐसी घटनाएं दिल दहलाने वाली हैं। इससे सिख समाज में चिंता होना स्वाभिक है। पंजाब के युवा यहां पर रोजगार व सुनहरे भविष्य लेकर आए हैं। 2019 में, सांसद और एनडीपी नेता जगमीत सिंह को पीपुल्स पार्टी ऑफ कनाडा (पीपीसी) के उम्मीदवार मार्क फ्राइसन की ओर से एक नस्लवादी ट्वीट में निशाना बनाया गया था। ट्वीट में सिंह की पगड़ी को जलते हुए फ्यूज वाले बम के रूप में दिखाया गया था, जिसकी कनाडा के एंटी-हेट नेटवर्क सहित व्यापक निंदा हुई थी। कनाडा में सिख समाज के लोगों ने मेहनत कर अपनी अलग पहचान स्थापित की है। बलवंत सिंह का कहना है कि उनके बच्चे कनाडा में पढने के लिए गए थे और वहां पर सेटल हैं। लेकिन इन घटनाओं से उनका दिल दहलता है। 20 साल का बच्चा जो अपनी नौकरी पर है, उसको गोली मारकर हत्या कर दी जाए, ऐसी घटनाओं से दर्द हो रहा है।
कनाडा सरकार से उठाएंगे मुद्दा: लालपुरा
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि कनाडा में सिखों के साथ हो रहीं आपराधिक घटनाएं चिंतनीय हैं। वह मंगलवार को विदेश मंत्रालय के माध्यम से कनाडा की सरकार से इस मुद्दे को उठाएंगे। उनसे अपील की जाएगी कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाए।