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हिंसाग्रस्त इलाके में पहुंचा न्यायिक आयोग, कहा- दो माह चलेगी जांच.. तह तक पहुचेंगे

संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की टीम ने रविवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने जिलाधिकारी, एसपी और अन्य अधिकारियों के साथ जामा मस्जिद सहित उन सभी स्थानों का गहन निरीक्षण किया, जहां हिंसा और पथराव हुआ था। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

उधर, पूर्व डीजीपी और तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के सदस्य एके जैन ने रविवार को पुष्टि की कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच अगले दो महीने तक जारी रहेगी। आयोग के सदस्य जैन ने कहा कि यह जांच पूरी तरह से घटनाओं की तह तक पहुंचेगी।

आयोग की टीम सबसे पहले जामा मस्जिद इलाके में पहुंची। टीम ने मस्जिद के बाहर और अंदर की स्थिति का लगभग तीन मिनट तक जायजा लिया। एसपी कृष्ण विश्नोई ने टीम को बताया कि कोर्टगर्वी से शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे बवाल में बदल गया। मस्जिद के पास मौजूद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे हालात बेकाबू हो गए।

एसपी ने बताया कि हिंसा के दौरान वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पुलिस टीम पर हमला किया गया। टीम ने मस्जिद के अंदर जाकर स्थिति को बारीकी से देखा। निरीक्षण के दौरान टीम ने हिंसा के मुख्य स्थानों की पहचान की और अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में आयोग ने स्थानीय दुकानदारों और निवासियों से बातचीत की।

दुकानदारों ने बताया कि पथराव के दौरान उन्होंने अपनी दुकानें बंद कर दी थीं और वहां से चले गए थे। टीम ने हिंसा के दिन की घटनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। जामा मस्जिद के निरीक्षण के बाद आयोग की टीम नखासा चौराहा पहुंची। यहां हिंसा और पथराव की वारदात हुई थी।

टीम ने वहां की स्थिति का भी बारीकी से अध्ययन किया और अधिकारियों से बातचीत की। आयोग की टीम ने डीएम, एसपी और अन्य अधिकारियों से पूरी घटना की विस्तृत जानकारी ली। एसपी ने आयोग को बताया कि हिंसा वाले दिन किन घरों से पथराव हुआ और कैसे प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। न्यायिक आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है।

इससे पहले शनिवार को आयोग के सदस्य मुरादाबाद सर्किट हाउस पहुंचे, जहां मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह, डीआईजी मुनिराज जी और एसएसपी सतपाल अंतिल ने उनसे मुलाकात कर घटना की जानकारी दी। रविवार को टीम ने शाही जामा मस्जिद और आसपास के हिंसाग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस, सपा और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। संसद में भी इस घटना को लेकर हंगामा हुआ।

अब तक यह कार्रवाई
कुल 300 बवालियों की पहचान हो चुकी है।
250 के पोस्टर जारी हो चुके हैं, जबकि 50 अन्य के पोस्टर तैयार किए जा रहे हैं।
पुलिस ने 30 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं।
पुलिस बल और सीसीटीवी के माध्यम से लगातार निगरानी जारी है।

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