जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी यासीन मलिक के खिलाफ जम्मू में चल रहे ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग वाली सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ मामले में सुनवाई कर रही है। सीबीआई सुरक्षा कारणों से यासीन को जम्मू में पेश करने का विरोध कर रही है। यह पेशी रुबिया अपहरण केस और वायु सेना अधिकारी हत्या केस में होनी है। फिलहाल यासीन तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मलिक और अन्य आरोपियों को 18 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

सीबीआई ने कोर्ट में क्या कहा?
मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि तिहाड़ जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई करने की सुविधा पहले से उपलब्ध है। उसे अदालत ले जाने की जरूरत नहीं है। एसजी ने बताया कि तिहाड़ जेल में कोर्ट लगता है, इससे पहले भी कई मामले की सुनवाई होती रही है।
एसजी मेहता ने कहा, ‘हमने कॉज टाइटल में संशोधन के लिए आवेदन दायर किया है। हमने इस तथ्य को भी रखा है कि जेल में पहले से ही एक अदालत मौजूद है, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग की सभी सुविधाएं भी हैं। पहले भी कार्यवाही जेल में उस अदालत कक्ष में हो चुकी हैं।’
2022 से लंबित है यासीन मलिक मामला
शीर्ष अदालत जम्मू ट्रायल कोर्ट के 20 सितंबर, 2022 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे मलिक को निर्देश दिया गया था कि उन्हें राजनेता मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह करने के लिए शारीरिक रूप से पेश किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में यह मामला 2022 से लंबित है। तब सीबीआई ने जम्मू की विशेष टाडा कोर्ट के उन आदेशों को चुनौती दी थी जिनमें दो अलग-अलग मामलों में यासीन मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश करने के लिए कहा गया था। जम्मू की कोर्ट ने सितंबर 2022 में यह प्रोडक्शन वारंट रुबिया सईद अपहरण केस और वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या केस में जारी किए थे।
सीबीआई का क्या कहना?
सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा था कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद मलिक को सुरक्षा कारणों से जम्मू नहीं ले जाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में ही जम्मू कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।