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महाराष्ट्र में MVA बहुमत के साथ बनाएगी सरकार, राजस्थान में सभी सीटों पर कांग्रेस की होगी जीत : सचिन पायलट

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) शानदार बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाने जा रही है। जनता सूबे में बदलाव चाहती है।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि महाराष्ट्र का चुनाव देश के लिहाज से बहुत बड़ा और महत्पूर्ण है, आज मतदान के दौरान हमें लगता है जो हमारी फीडबैक है, महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार हमारे कैपेंन में जो मुद्दे उठाए गए हैं जनता उन्हें पसंद कर रही है। अच्छे बहुमत के साथ हम लोग महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रहे हैं। जनता वहां बदलाव चाहती है। लोग केंद्र और राज्य की सरकार का काम देख चुके हैं। मैं मानता हूं कि शहरी क्षेत्र में हो या ग्रामीण क्षेत्र में किसान, नौजवान सबके सब हमारी पांच गारंटी को लेकर कन्वेंस हैं और हम आश्वस्त हैं कि हम अच्छे मार्जिन के साथ वहां सरकार बनाएंगे।

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि हम सातों सीटों पर मजबूत स्थिति में हैं, सभी विधानसभा के उपचुनाव पर कांग्रेस की जीत होगी।

भाजपा महासचिव विनोद तावड़े के पैसे बांटने वाले मामले पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि जब यह मामला सामने आया तो निर्वाचन आयोग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। कितने लोगों को वो इन्फ्लुएंस कर रहे हैं। सत्ताधारी दल का कोई बड़ा नेता सीधा पकड़ा जाता है तो उस पर तुरंत एक्शन होना चाहिए था। मैं समझता हूं कि जांच के आदेश देने मात्र से न्यायपूर्ण कार्रवाई नहीं हो पाई है। लेकिन, ये दिखाता है भाजपा कितने बैकफुट पर है। इस तरह के प्रकरण को अंजाम देने की नौबत आ रही है तो आप समझ में सकते हैं झारखंड, महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्य में उपचुनाव हो रहे हैं। वहां पर भाजपा कहीं न कहीं पिछड़ रही है, मुद्दा महत्वपूर्ण है।

उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार से लोकतंत्र में इस तरह की घटनाएं सामने आएंगी तो लोगों का इससे विश्वास उठेगा। सरकार से मुझे उम्मीदें कम है। लेकिन, चुनाव आयोग को मामले में संज्ञान लेते हुए कुछ और महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए था। ताकि संदेश जाए कि इस प्रकार से जो भी चुनाव में धनबल का उपयोग करेगा उस पर सख्त एक्शन होगा। इस तरीके की घटनाएं लोकतंत्र में अगर सामने आएंगी तो लोगों का विश्वास उठेगा। ऐसे में निर्वाचन आयोग को जांच के आदेश देने की बजाय एक न्याय पूर्ण कार्रवाई करनी चाहिए थी ताकि संदेश जाए कि धनबल का प्रयोग वो इस चुनाव में कैसे कर रहे हैं?

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