हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की पार्वती घाटी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल में 45 होटलों, होमस्टे और कैंपिंग साइट बिना पंजीकरण चल रही हैं। प्रशासन की संयुक्त कमेटी की जांच के बाद पर्यटन विभाग ने इन सभी व्यवसायिक गतिविधियों को आगामी आदेश तक बंद कर दिया है। इन कारोबारियों को पहले अपने होटल, होमस्टे और कैंपिंग साइटों का पर्यटन विभाग के पास पंजीकरण करना होगा। खामियों के बाद पर्यटन विभाग सभी को समन जारी करने की तैयारी कर रहा है।

इसमें सभी को कार्यालय बुलाकर इसकी छानबीन कर नियमानुसार जुर्माना किया जाएगा। बता दें कि पिछले एक सप्ताह से एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला की अगुवाई में आठ से नौ सरकारी विभागों की गठित की गई एक संयुक्त टीम जांच कर रही है। इसमें पर्यटन विभाग के साथ लोकनिर्माण विभाग, वन, जलशक्ति, प्रदूषण बोर्ड, नगर नियोजन, राजस्व विभाग आदि शामिल हैं। अभी तक जांच में कसोल में पार्वती नदी किनारे के साथ अन्य जगह करीब 15 ऐसी कैंपिंग साइट पाई गई हैं, जो बिना पंजीकरण चल रही थीं। इस तरह से चल रही यह कैंपिंग साइट सरकार को भी चूना लगा रही थीं।
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कुछ होटल और होमस्टे ऐसे भी पाए गए, जहां कमरे अधिक चल रहे थे और कागजों में कम दिखाए गए हैं। सब संयुक्त जांच टीम की पकड़ में आ गए हैं। अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। जिला पर्यटन अधिकारी सुनयना शर्मा ने कहा कि अभी तक की जांच में करीब 45 ऐसी व्यावसायिक गतिविधियों में खामियां पाई गई हैं। इनमें अधिकतर बिना पंजीकरण चल रही थीं। अब इन्हें विभाग की ओर से समन जारी होगा। उनके कागजों का फिर से मिलान होगा। तब तक इनका संचालन बंद कर दिया है। इसमें किस-किस तरह का उल्लंघन है, उसके हिसाब से कार्रवाई और जुर्माना होगा।
कसोल में अवैध निर्माण के साथ पर्यटन से जुड़ीं व्यावसायिक गतिविधियों की जांच की जा रही है। इसके लिए एक विभिन्न विभागों की एक संयुक्त कमेटी बनी है और जांच लगातार जारी है। -विकास शुक्ला एसडीएम कुल्लू