साल 1989 बैच के आईएएस विवेक जोशी राज्य के अगले मुख्य सचिव होंगे। राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने जोशी को उनके मूल कॉडर हरियाणा में भेजने की मंजूरी दे दी है। हरियाणा के मौजूदा मुख्य सचिव डाॅ. टीवीएसएन प्रसाद की 31 अक्तूबर को सेवानिवृत्ति के बाद जोशी एक नवंबर को पद संभाल सकते हैं। जोशी इस समय केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव के पद पर तैनात थे। जोशी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी बताया जाता है।
आईएएस विवेक जोशी मूल रूप से यूपी के इलाहाबाद जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और स्विट्जरलैंड के ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट जिनेवा से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की। केंद्र में जाने से पहले वह हरियाणा के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। वह गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के सीईओ, निगरानी और समन्वय विभाग के प्रमुख सचिव व चीफ एडिमिनिस्ट्रेटर के साथ उपायुक्त के पद पर रह चुके हैं। 2014-2017 के दौरान उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया है। 2010 से 2014 तक वह भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर काम कर चुके हैं। जोशी भारतीय रिजर्व बैंक व भारतीय स्टेट बैंक के बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं।

हावी अफसरशाही से निपटने के लिए जोशी को भेजा
सीएम नायब सिंह सैनी शनिवार को दिल्ली के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात के तुरंत बाद जोशी के मूल कॉडर में भेजने के आदेश जारी हुए। जोशी को हरियाणा में लाने की मूल वजह हावी अफसरशाही से निपटने और सीएम सैनी को काम करने के लिए उपयुक्त माहौल देना है। मनोहर के कार्यकाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायत रहती है कि अफसर उनकी सुनवाई नहीं करते। विवेक जोशी के पास केंद्र का अच्छा अनुभव हैं और उन्हें एक सुलझा हुआ अफसर माना जाता है। उनके आने से केंद्र व राज्य के बीच मजबूत समन्वय बनेगा।
जोशी के आने से तीन आईएएस बिना मुख्य सचिव बने ही रिटायर होंगे
जोशी 2026 तक मुख्य सचिव बने रहेंगे। उनके मुख्य सचिव बनने से चार आईएएस बिना मुख्य सचिव बने ही रिटायर हो जाएंगे। इनमें आईएएस अंकुर गुप्ता, अनुराग रस्तोगी, आनंद मोहन शरण बिना मुख्य सचिव बने ही रिटायर हो जाएंगे। तीनों मुख्य सचिव बनने की दौड़ में शामिल थे। हालांकि यह उसी स्थिति में संभव होता, जब जोशी केंद्र से नहीं आते और आईएएस का वरिष्ठता क्रम संशोधित होता। इससे तीनों कुछ समय के लिए मुख्य सचिव बन सकते थे। वहीं, जोशी के आने से 90 बैच के सीनियर आईएएस के बीच चल रहे वरिष्ठता क्रम के विवाद पर भी विराम लग गया है। इस बैच के तीन आईएएस ने वरिष्ठता क्रम को संशोधित करने का आग्रह किया था। वरिष्ठता क्रम पर निर्णय नहीं होने से वित्तायुक्त के पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। जोशी के आने से फिलहाल इस विवाद पर मुहर लग गई है।