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फर्स्ट से थर्ड स्टेज तक जाने में कितना वक्त लेता है ब्रेस्ट कैंसर, क्या है इसे रोकने का तरीका?

ब्रेस्ट कैंसर हो तो ये सवाल होगा, कैंसर कितनी तेजी से बढ़ रहा है. ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस डे पर जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर फर्स्ट से थर्ड स्टेज तक जाने में कितना वक्त लेता है, इसे रोकने का तरीका क्या है.


अगर आपको या आपके किसी करीबी को ब्रेस्ट कैंसर है, तो आपके मन में अक्सर ये सवाल होगा कि कैंसर कितनी तेजी से बढ़ रहा है. इसका सीधा जवाब मिलना मुश्किल है, क्योंकि डॉक्टरों को यह नहीं पता होता कि कैंसर कब शुरू हुआ था. इसका मतलब है कि यह जान पाना मुश्किल होता है कि कैंसर को इस आकार तक पहुंचने में कितना वक्त लगा है, और आखिरी स्टेज तक जाने में और कितना वक्त लगेगा. ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस डे के मौके पर आइए जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर फर्स्ट से थर्ड स्टेज तक जाने में कितना वक्त लेता है और इसे रोकने का तरीका क्या है. 

ब्रेस्ट कैंसर फैलने में कितना वक्त लेता है 

ब्रेस्ट कैंसर की ग्रोथ स्पीड और इलाज दोनों ही कई कारकों पर निर्भर करते हैं. कैंसर की प्रकृति, उम्र, जेनेटिक जानकारी और कैंसर की स्टेज के आधार पर ही डॉक्टर इलाज की योजना बनाते हैं. कैंसर जितनी जल्दी पकड़ा जाए, इलाज उतना ही प्रभावी हो सकता है. इसलिए, नियमित जांच करना और शुरुआती लक्षणों को अनदेखा न करना बेहद जरूरी है. 

हालांकि, रिसर्च से यह साफ हुआ है कि भले ही आजकल ब्रेस्ट कैंसर के केस ज्यादा देखे जा रहे हैं, यह पहले की तुलना में तेजी से नहीं बढ़ रहा है. औसतन, ब्रेस्ट कैंसर हर 180 दिन, यानी लगभग हर 6 महीने में अपने आकार को दोगुना करता है. फिर भी, सीधे ये बताना मुश्किल है कि ब्रेस्ट कैंसर फर्स्ट से थर्ड स्टेज तक जाने में कितना वक्त लेता है. क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर और कैंसर की प्रकृति अलग होती है, और इसी कारण कैंसर की ग्रोथ स्पीड़ भी अलग-अलग हो सकती है. कुछ कैंसर अधिक आक्रामक होते हैं और तेजी से , जबकि कुछ धीरे बढ़ते हैं. 

ब्रेस्ट कैंसर की ग्रोथ को प्रभावित करने वाले कारक 

सबटाइप: ब्रेस्ट कैंसर को कई प्रकारों में बांटा गया है. कुछ कैंसर तेजी से बढ़ते हैं, जैसे कि ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर, जबकि कुछ अन्य प्रकार जैसे कि हॉर्मोन-रिसेप्टर पॉजिटिव कैंसर धीरे बढ़ते हैं. आपका डॉक्टर कैंसर के प्रकार का टेस्ट करके यह अंदाजा लगा सकता है कि यह कितनी तेजी से बढ़ेगा. 

स्टेज: कैंसर की स्टेज से भी उसकी ग्रोथ की स्पीड़ पर असर पड़ता है. फर्स्ट स्टेज में कैंसर सिर्फ दूध की नलियों या लब्यूल्स में होता है, जबकि थर्ड स्टेज में कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है. जितना बड़ा स्टेज, कैंसर के तेजी से बढ़ने और फैलने की संभावना उतनी ज्यादा होती है. 

ग्रेड: कैंसर के सेल्स माइक्रोस्कोप के नीचे कैसे दिखते हैं, उसके आधार पर डॉक्टर ग्रेड तय करते हैं. सामान्य दिखने वाले सेल्स की ग्रोथ धीरे होती है, जबकि असामान्य दिखने वाले सेल्स तेजी से फैल सकते हैं. 

उम्र: कई रिसर्च से यह पता चला है कि 50 साल से ऊपर की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सामान्य होता है, लेकिन अगर किसी सहिला को कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर हो, तो यह ज्यादा तेजी से फैल सकता है. 

जेनेटिक्स: कैंसर के बढंने में जेनेटिक्स का महत्वपूर्ण योगदान होता है. कुछ जेनेटिक म्यूटेशन जैसे BRCA1 और BRCA2 जीन में बदलाव कैंसर को आक्रामक बना सकते हैं और कैंसर को तेजी से बढ़ने और फैलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में ब्रेस्ट कैंसर के केस रहे हैं, तो जांच करवाना बेहतर होता है. 

ब्रेस्ट कैंसर रोकने का तरीका 

स्टेज I कैंसर का इलाज 
स्टेज I ब्रेस्ट कैंसर अभी शुरुआती अवस्था में होता है, और इसका आकार छोटा होता है. इस स्टेज में सर्जरी मुख्य इलाज होता है. सर्जरी के बाद रेडिएशन थेरेपी दी जा सकती है ताकि कैंसर के दोबारा होने की संभावना कम की जा सके. 

स्टेज II कैंसर का इलाज
स्टेज II में कैंसर का आकार बड़ा होता है और यह लिंफ नोड्स तक फैल चुका होता है. इस चरण में भी सर्जरी के साथ-साथ रेडिएशन और कीमोथेरेपी दी जाती है. डॉक्टर जीन पैनल टेस्ट का उपयोग भी कर सकते हैं ताकि यह तय किया जा सके कि कीमोथेरेपी जरूरी है या नहीं. 

स्टेज III कैंसर का इलाज
स्टेज III में कैंसर बड़े आकार का होता है और यह त्वचा या मांसपेशियों तक फैल सकता है. इस स्टेज में सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी या होर्मोन थेरेपी दी जा सकती है ताकि ट्यूमर के आकार को कम किया जा सके. इसके बाद सर्जरी की जाती है और रेडिएशन या अन्य दवाइयों का उपयोग किया जाता है. 

ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह 

एबीपी ने हैदराबाद के मुस्लिम मेटरनिटी अस्पताल की डॉ सादिया से बात की. उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन जोखिम को कम करने के लिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं. 

डॉ सादिया ने स्वस्थ वजन बनाए रखने, बैलेंस्ड डाइट लेने, गट हेल्थ बनाए रखने, फिजिकली एक्टिव रहने और शराब की मात्रा सीमित करने के महत्व पर जोर दिया. साथ ही, उन्होंने नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि एसा करने से ऐसे ट्यूमर्स का पता चलता है जो महसूस करने के लिए बहुत छोटे होते हैं. रेगुलर सेल्फ एग्जाम के महत्व के बारे में बात करते हुए, डॉ सादिया ने कहा कि अपने ब्रेस्ट की नियमित जांच करने से ट्यूमर्स का पता लगाना आसान हो जाता है. 

ब्रेस्ट कैंसर प्रिवेंट करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाईल अपनानी चाहिए और अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जागरूक रहना चाहिए. अगर जेनेटिक तरीके से आपको ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है, तो प्रिवेंट करने के लिए आप दवाएं ले सकते हैं या प्रिवेंटीव सर्जरी करवा सकते हैं. ब्रेस्ट कैंसर प्रिवेंट करने का सबसे आसान तरीका है खुद से ब्रेस्ट की जांच करना. महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से यह जांच करनी चाहिए. अगर आपको या आपके किसी करीबी को ब्रेस्ट कैंसर है, तो अपने डॉक्टर से इन सभी कारकों पर चर्चा करें और सही जानकारी प्राप्त करें ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके. 

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