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300 साल पहले समुद्र में डूबे अरबों के खजाने पर कानूनी जंग, कीमत जान उड़े जाएंगे होश

San Jose Shipwrecks: आज से 300 साल पहले 1708 में ब्रिटिश युद्धपोतों के हमले के दौरान सैन जोस जहाज समुद्र में डूब गया था. उसमें रखे 18 अरब डॉलर के सोने भी डूब गए, जिसको लेकर कानूनी लड़ाई जारी है.

San Jose Shipwrecks: 300 साल पहले समुद्र में डूबे स्पेनिश जहाज सैन जोस के मलबे को लेकर कानूनी जंग तेज हो गई है. यह जहाज कोलंबिया के तट पर ब्रिटिश सेना द्वारा 1708 में डुबोया गया था, जिसमें अरबों डॉलर की कीमत के सोना, चांदी और पन्ना जैसे कीमती रत्न थे. सैन जोस को दुनिया का सबसे कीमती जहाज मलबा माना जाता है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 18 अरब अमेरिकी डॉलर है.

खजाने पर अलग-अलग दावे
इस कीमती मलबे पर कई देशों ने दावा ठोका है. कोलंबिया और स्पेन के अलावा एक अमेरिकी कंपनी और दक्षिण अमेरिका के स्वदेशी समूह भी इस पर अपना अधिकार जता रहे हैं. कोलंबिया और अमेरिका इस मामले में पहले भी अदालती लड़ाई लड़ चुके हैं, और अब यह केस हेग के स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के सामने है.

कोलंबिया और स्पेन की स्थिति
कोलंबिया सरकार ने इस खजाने को एक संग्रहालय में रखने की योजना बनाई है, जबकि पुरातत्वविदों का मानना है कि मलबे को वहीं छोड़ देना चाहिए जहां यह है. समुद्री इतिहासकारों का कहना है कि जहाज के साथ 600 लोग डूबे थे, इसलिए इसे एक समुद्री कब्रिस्तान मानकर सम्मान दिया जाना चाहिए.

ब्रिटिश सेना द्वारा जहाज का डूबना
सैन जोस जहाज 1708 में ब्रिटिश युद्धपोतों के हमले के दौरान डूब गया था. जहाज में अटलांटिक पार करके स्पेन जाने के लिए पनामा से कीमती खजाना ले जाया जा रहा था. हमले के दौरान गलती से जहाज के पाउडर मैगजीन में एक तोप का गोला फट गया, जिससे जहाज कुछ ही मिनटों में डूब गया.

अमेरिकी कंपनी का दावा
1980 के दशक में एक अमेरिकी कंपनी ग्लोका मोरा ने मलबे को खोजने का दावा किया था. चूंकि खजाना कोलंबिया के जल क्षेत्र में पाया गया था, इस कारण कंपनी और कोलंबियाई सरकार के बीच हिस्सेदारी को लेकर विवाद पैदा हो गया, जिससे कानूनी लड़ाई शुरू हो गई.

खजाने के अन्य दावेदार
स्पेन का दावा है कि जहाज और खजाना उनका है, क्योंकि यह स्पैनिश जहाज था. वहीं, बोलीविया और पेरू के स्वदेशी समूहों का कहना है कि यह खजाना उनका है, क्योंकि इसे औपनिवेशिक काल में एंडीज की खदानों से स्पेनिश द्वारा लूटा गया था. इस कानूनी लड़ाई के उलझने से फिलहाल इस मामले का कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. ऐतिहासिक मलबे पर अधिकार की लड़ाई ने कई देशों और समूहों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार इस खजाने का मालिक कौन बनता है.

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