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यूपी के इन पांच अफसरों के खिलाफ विजलेंस के छापे में क्या-क्या मिला? यहां पढ़ें सारी डीटेल्स

Lucknow Raid: विजिलेंस की ये छापेमारी 8 घंटे तक चली. जिन अधिकारियों के ठिकानों पर ये छापेमारी हुई वे अधिकारी जल निगम  की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेस इकाई में कार्यरत हैं.


Vigilance Raid: राजधानी लखनऊ में विजिलेंस डिपार्टमेंट की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली हैं. जहां सुबह जल निगम के पांच अफसरों के घर अचानक से विजिलेंस टीम की छापेमारी कर दी. इनके खिलाफ कुछ समय पहले ही आय अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिन लोगों के यहां ये छापेमारी हुई वह अधिकारी जल निगम की सीएनडीएस इकाई में कार्यरत रहे हैं. 

विजिलेंस की ये छापेमारी 8 घंटे तक चली. जिन अधिकारियों के ठिकानों पर ये छापेमारी हुई वे अधिकारी जल निगम  की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेस इकाई में कार्यरत हैं. इनके नाम हैं सत्यवीर सिंह चौहान, राघवेंद्र कुमार गुप्ता, अजय रस्तोगी, कमल कुमार खरबंदा और कृष्ण कुमार पटेल. 

जानें क्या है मामला?
ये मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है. विजिलेंस की टीम ने इन सभी आधिकारियों के ठिकानों पर इसी संबंध में छापेमारी की है. आपको बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में अबतक 11 केस दर्ज किए गए हैं. ये सभी लखनऊ के अलग अलग क्षेत्र इंदिरा नगर, गोमती नगर और विकास नगर में रहते हैं और सबके यहां एक साथ छापेमारी के लिए विजिलेंस की टीमें पहुंची.

छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान जल निगम के अधिकारियों के ठिकानों से करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्ति में निवेश के दस्तावे मिले जिसमें मकान, खेती की जमीन, फ्लैट, गाड़ियों के कागजात और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. इनके घरों से म्यूच्यूअल फण्ड, बीमा पॉलिसी, पोस्ट ऑफिस और विभिन्न कंपनियों मे निवेश के प्रपत्र भी मिले हैं. साथ ही विभिन्न बैंक के खाते एवं बैंक लॉकर के प्रपत्र भी हासिल हुए. सर्च ऑपरेशन के दौरान आरोपी अधिकारियों के ठिकानों से लाखों की ज्वैलरी भी बरामद हुई है. 

छापेमारी की कार्रवाई से मचा हड़कंप
जल निगम के अधिकारियों पर छापेमारी की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. विजिलेंस की टीम ने कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद ये कार्रवाई की है. इस अधिकारियों के खिलाफ साल 2020 में आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत मिली थी. जिसे शासन ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे. जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद इनके खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी. 

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