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दिल्ली में कानूनी व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई, इसके लिए गृह मंत्री जिम्मेदार : राशिद अल्वी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने दिल्ली में कानून व्यवस्था को केंद्रीय गृह मंत्री को जिम्मेदार बताया है। इसके पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली में लचर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। वहीं, दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र शासित भाजपा सरकार और उपराज्यपाल को दिल्ली की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया था।


राशिद अल्वी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह बात ठीक है कि दिल्ली के अंदर कानूनी व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। यहां रात को निकलते हुए लोगों को डर लगता है। इतना बड़ा वाक्या प्रेसिडेंट ट्रंप के भारत आने पर हुआ था, वह दिल्ली आए हुए थे और यहां पर साम्प्रदायिक दंगे हो रहे थे। दिल्ली के अंदर किसी तरीके की कोई कानूनी व्यवस्था नहीं है और इसके लिए हमारे गृह मंत्री ज़िम्मेदार है, चूंकि सारी पुलिस, सारी कानूनी व्यवस्था उन्हीं के अंडर में है।”

उदय निधि स्टालिन को तमिलनाडु का डिप्टी सीएम बनाए जाने पर राशिद अल्वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह डीएमके का अंदरूनी मामला है, वो किसको डिप्टी सीएम बनाते हैं, किसे मुख्यमंत्री बनाते हैं, काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स में कौन-कौन होगा, इसे किसी दूसरी पार्टी के किसी भी नेता को कोई कहने का हक नहीं है। यह उनका अपना मामला है। तमिलनाडु की सरकार ठीक चलनी चाहिए। हमारा सिर्फ इतना कहना है कि तमिलनाडु के अंदर कानूनी व्यवस्था ठीक हो, वहां पर विकास हो, अब वहां पर कौन मंत्री बनेगा, कौन उप मुख्यमंत्री बनेगा यह उनकी अपनी पार्टी का मामला है।”

हरियाणा में हो रही विधानसभा चुनाव के दौरान मायावती के एक ट्वीट पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें बसपा सुप्रीमो ने भाजपा के साथ कांग्रेस को भी दलितों के खिलाफ बताया था। इस पर राशिद अल्वी ने कहा, “भाजपा के साथ मायावती ने कुमारी शैलजा को एक मुद्दा बना लिया है। यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने एमपी या एमएलए को पार्लियामेंट में रिजर्वेशन दिया था। इसी तरह से नौकरी में भी कांग्रेस ने यह रिजर्वेशन दिया था।”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अपनी पार्टी में किसको आगे बढ़ाती है और किसको आगे नहीं बढ़ाती है, यह कांग्रेस का अपना मामला है। लेकिन देश में दलितों को आगे बढ़ाने का काम सिर्फ कांग्रेस ने किया है।

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