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श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या का भारत से है खास रिश्ता, DU कनेक्शन के बारे में जानिए

श्रीलंका में नई सरकार का गठन हुआ है. अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति और डॉ. हरिनी अमरसूर्या प्रधानमंत्री बनी हैं, खास बात ये है कि उनका भारत से एक खास रिश्ता है. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में.


Prime Minister Dr. Harini Amarasuriya : हाल के कुछ सालों में भारत के लगभग सभी पड़ोसी देशों में अस्थिरता बनी ही हुई है. श्रीलंका का भी यहीं हाल है, बीते कुछ समय से ये देश आर्थिक तंगी और राजनैतिक उठापटक से जूझ रहा है. फिलहाल में वहां पर अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतत्व में नई सरकार का गठन हो गया है. अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के पहले मार्क्सवादी लीडर हैं, जो राष्ट्रपति का पद संभालने जा रहे हैं. इसके अलावा नई सरकार में प्रधानमंत्री का पद डॉ. हरिनी अमरसूर्या को मिला है. बता दें कि डॉ. हरिनी अमरसूर्या का भारत से खास रिश्ता रहा है. असल में डॉ. हरिनी ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली से की है.

दिल्ली यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई

श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या हिंदू कॉलेज के 1991 से 1994 बैच की छात्रा हैं. दिल्ली से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन करने के बाद डॉ. हरिनी ने ऑस्ट्रेलिया से एंथ्रोपोलॉजी में मास्टर की डिग्री हासिल की. इसके अलावा आगे उन्होंने एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी से सोशल एंथ्रोपोलॉजी में पीएचडी भी किया. यही नहीं डॉ. हरिनी ने युवाओं, राजनीति, असहमति, एक्टिविज्म, बाल संरक्षण और विकास जैसे मुद्दों पर रिसर्च करने के साथ किताबें भी लिख चुकी हैं. 

श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री

कोलंबो में जन्मी और पली-बढ़ी डॉ. हरिनी नेशनल पीपुल्स पावर (PNP) पार्टी की नेता हैं. शिक्षा से लेकर राजनेता बनने के इस सफर ने आज उन्हें श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचाया है. इनसे पहले इस पद पर दो और महिला प्रधानमंत्री बैठ चुकी हैं, जिनमें सिरिमाओ भंडारनायके और चंद्रिका कुमारतुंगा शामिल हैं. सिरिमाओ भंडारनायके की बात करें तो वो तीन बार श्रीलंका की प्रधानमंत्री रही थीं. इसके अलावा वो दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री भी थीं.

कैसे होंगे भारत के साथ रिश्ते

श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद से ही भारत के साथ रिश्तों को लेकर कई बातें चल रही हैं और इसके पीछे की वजह प्रेसिडेंट अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी का भारत के खिलाफ बोलना है. चीन भी श्रीलंका को अपने पाले में लाने के लिए सारी कोशिशें कर रहा है. श्रीलंका भारत और चीन दोनों के लिए ही काफी ज्यादा खास हैं. तो फिलहाल आने वाले समय में ये देखना होगा की श्रीलंका दिल्ली और बीजिंग में से किसको चुनता है.

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