पंजाब सरकार के तमाम दावों के विपरीत पंजाब में पराली जलने से हवा में प्रदूषण रूपी जहर घुलने लगा है। मंडी गोबिंगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 224 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है।

वहीं लुधियाना का एक्यूआई 143 और पटियाला का 103 दर्ज किया गया। हालांकि अभी यह मध्यम श्रेणी में है, लेकिन डाॅक्टरों के मुताबिक इस एक्यूआई में भी खास तौर से फेफड़ों, अस्थमा व दिल के रोगों से ग्रस्त मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। मंगलवार को भी पंजाब में पराली जलने का सिलसिला थमा नहीं। 12 नए केस रिपोर्ट हुए, जिससे अब पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। नए रिपोर्ट हुए 12 केसों में से चार जिला अमृतसर, चार कपूरथला, 1 फिरोजपुर और 3 एसएएस नगर से सामने आया।
अमृतसर टाॅप पर
पराली जलाने के मामले में जिला अमृतसर लगातार टाप पर बना है। यहां पराली जलाने के कुल मामले बढ़कर 49 हो गए हैं। पंजाब में सेटेलाइट के जरिये 15 सितंबर से पराली जलाने के मामलों की मानीटरिंग की जा रही है। इसके तहत पहले दिन 15 सितंबर को 11 केस सामने आए थे। हालांकि 16 सितंबर को पंजाब में कहीं भी पराली नहीं जलाई गई, लेकिन 17 को पांच मामले, 18 को दो मामले और 19 को कोई भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ था। 20 सितंबर को 13 मामले, 21 को सबसे अधिक 21 मामले, 22 को 11 और 23 सितंबर को छह मामले रिपोर्ट हुए थे।
दावे हुए हवा
सरकार के दावों के विपरीत इस बार साल 2023 के मुकाबले अब तक अधिक पराली जली है। मंगलवार को अमृतसर का एक्यूआई 99, बठिंडा का 87, जालंधर का 88 और खन्ना का 92 दर्ज किया गया। हालांकि यह संतोषजनक श्रेणी में है, लेकिन डाक्टरों के मुताबिक इस एक्यूआई में भी कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।