fbpx

‘सिफारिश के बाद भी जजों की नियुक्ति क्यों नहीं हुई?’ सुप्रीम कोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लंबित न्यायिक नियुक्तियों पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित लंबित न्यायिक नियुक्तियों की संख्या और स्थिति के साथ-साथ देरी के कारणों की जानकारी उपलब्ध कराये। यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं।

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। जिसमें न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम कोई सर्च कमेटी (न्यायाधीशों के लिए) नहीं है, जिसकी सिफारिशों को रोका जा सके। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल (एजी) आर. वेंकटरमणी से कहा कि वे कॉलेजियम द्वारा दिए गए नामों की सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि “वे क्यों लंबित हैं और किस स्तर पर हैं? सीजेआई ने कहा, अगर आप कृपया कॉलेजियम द्वारा दिए गए नामों की सूची बना सकते हैं और बता सकते हैं कि यह क्यों लंबित है और किस स्तर पर लंबित है… तो हमें बताएं कि यह क्यों लंबित है।

पीठ ने कहा कि कुछ नियुक्तियां अभी प्रक्रिया में हैं और “हमें उम्मीद है कि वह बहुत जल्दी हो जाएगी। इसके बाद अटॉर्नी जनरल द्वारा स्थगन के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए, इस जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका एडवोकेट हर्ष विभोर सिंघल की ओर से डाली गई थी। वकील हर्ष विभोर सिंघल ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से सिफारिश किए जाने के बाद जजों की नियुक्ति को अधिसूचित करने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करने का निर्देश देने का आग्रह किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *