सुनाम के गांव बिश्नपुरा में काम करने के बाद दोपहर का खाना खा रहे चार मनरेगा मजदूरों को एक कैंटर ने कुचल दिया। इससे चारों मनरेगा मज़दूरों की मौत हो गई। इनमें एक महिला मज़दूर भी शामिल है। हादसा स्थल पर एक साथ चार लाशें देखकर लोग चीखने चिल्लाने लगे। घटनास्थल का मंजर इस हादसे की भयानकता को साफ तौर पर उजागर कर रहा था।

वहीं, मृतक मजदूरों के परिजनों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने पटियाला हाइवे पर धरना लगा दिया है। इस दौरान चारों मृतकों के शव सड़क पर रखकर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मांग पूरी होने तक मृतकों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। धरने में विभिन्न मनरेगा जत्थेबंदियां, सीटू, किसान संगठनों के प्रतिनिधि आदि शामिल हैं।
गांव के पप्पन सिंह ने बताया कि बिश्नपुरा अकालगढ़ के जरनैल सिंह, हरपाल सिंह, छोटा सिंह और गुरदेव कौर मुख्य पटियाला रोड पर मनरेगा के तहत काम कर रहे थे। दोपहर को सड़क के किनारे पर बैठकर चारों खाना खा रहे थे। इसी दौरान पटियाला की तरफ से आ रहे एक कैंटर ने चारों को कुचल दिया। चारों की माैके पर ही मौत हो गई।
माैके पर पहुंचे एसएचओ प्रतीक जिंदल ने कहा कि हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है। कैंटर को कब्जे में ले लिया गया है और चालक से पूछताछ की जा रही है।
वहीं हादसे से पूरे गांव में मातम पसर गया। ग्रामीण मृतकों के घरों में ढांढस बंधाने पहुंच रहे थे और गांव में हर तरफ विलाप की आवाज सुनाई दे रही थी। एक बुजुर्ग ने कहा कि गांव में एक साथ चार मौतें पहले उन्होंने अपने जीवन में नहीं देखीं। पूरे गांव पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
नेताओं ने जताया शोक
हादसे पर विभिन्न सियासी नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा, अकाली दल के महासचिव विन्नरजीत सिंह गोल्डी, भाजपा की प्रदेश सचिव दामन थिंद बाजवा, कांग्रेस के मनप्रीत सिंह मनी बड़ैच आदि ने दुख व्यक्त करते सरकार से मांग की है कि मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए।