fbpx

बॉस की जान बचाने के लिए महिला ने डोनेट कर दी किडनी, फिर उसी ने नौकरी से निकाला- वजह जानकर माथा पकड़ लेंगे आप

महिला ने अपनी किडनी देकर अपने बॉस की जान बचाई थी, लेकिन बदले में जो बॉस ने उस महिला को दिया वो वाकई चौंकाने वाला था. मामला तब सामने आया जब महिला ने न्यूयॉर्क में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई.

भलाई का तो जमाना ही नहीं है. यह कहावत आपने कई लोगों के मुंह से सुनी होगी. लेकिन आज इस कहावत को आप सच होता पाएंगे, वो इसलिए क्योंकि खबर ही कुछ ऐसी है. जहां एक महिला ने सखावत ( बड़ा दिल) दिखाते हुए अपने बॉस की मदद करनी चाही, लेकिन बॉस ही धोखेबाज निकला. दरअसल, महिला ने अपनी किडनी देकर अपने बॉस की जान बचाई थी, लेकिन बदले में जो बॉस ने उस महिला को दिया वो वाकई चौंकाने वाला था.

किडनी लेकर बॉस ने महिला को नौकरी से निकाला

47 साल की तलाकशुदा दो बच्चों की मां डेबी स्टीवंस ने पिछले शुक्रवार को न्यूयॉर्क राज्य मानवाधिकार आयोग में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसके बॉस ने उसके अंग के लिए उसका इस्तेमाल किया और फिर उसे नौकरी से निकाल दिया. स्टीवंस के बॉस, 61 वर्षीय जैकी ब्रुशिया, अटलांटिक ऑटोमोटिव ग्रुप के वेस्ट इस्लिप कंट्रोलर्स में से एक हैं, जो एक अरब डॉलर का डीलरशिप ऑपरेटर है. ब्रुशिया ने जनवरी 2009 में स्टीवंस को सहायक के रूप में काम पर रखा था.

ऑपरेशन के बाद ज्यादा छुट्टियों के चलते जॉब से निकाला!

स्टीवंस ने ABCNews.com को बताया कि, “सर्जरी के बाद उसने मेरे साथ बहुत ही भयानक, क्रूर और अमानवीय व्यवहार करना शुरू कर दिया.” “ऐसा लग रहा था जैसे उसने मुझे सिर्फ मेरी किडनी लेने के लिए ही काम पर रखा था.” हालांकि स्टीवंस, ब्रुशिया के लिए किडनी के मामले में बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं थी, लेकिन स्टीवंस ने ब्रुशिया के अंग को किसी बाहरी अजनबी को दान कर दिया ताकि वह अंग दान करने वालों की लिस्ट में ऊपर आ सके. किडनी देने के बाद स्टीवंस को प्रोपर बेडरेस्ट बताया गया था, लेकिन ज्यादा आराम करने और ऑफिस से ऑफ लेने के चलते स्टीवंस को उसके बॉस ने नौकरी से निकाल दिया.

2010 में स्टीवंस ने छोड़ दी थी कंपनी

स्टीवंस ने जून 2010 में कंपनी छोड़ दी और फ्लोरिडा चली गईं. शिकायत के अनुसार, वह सितंबर में अपनी बेटी से मिलने न्यूयॉर्क लौटीं और डीलरशिप पर रुकने का फैसला किया. इसी मुलाकात के दौरान ब्रुशिया (महिला का बॉस) ने स्टीवंस को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत के बारे में बताया.

दोबारा मुलाकात के दौरान कही किडनी ट्रांसप्लांट की बात

स्टीवंस ने कहा, “उसने कहा कि उसके पास एक संभावित डोनर है, कोई दोस्त या कुछ और.” “लेकिन मैंने उससे कहा कि अगर कुछ हुआ तो मैं अपनी किडनी दान करने के लिए तैयार हूं. उसने मज़ाक में जवाब दिया, ‘तुम कभी नहीं जानते, हो सकता है कि मुझे एक दिन तुम्हें इस बात पर सहमत करना पड़े.”

मैं नहीं चाहती थी कि वह मर जाए

कुछ महीनों बाद स्टीवंस लॉन्ग आइलैंड वापस आ गईं और उन्होंने ब्रुसिया से पूछा कि क्या उनके पास कोई नौकरी की जगह है. ब्रुसिया ने कुछ ही हफ्तों में उन्हें नौकरी पर रख लिया. फिर, जनवरी 2011 में, स्टीवंस ने बताया कि उनके बॉस ने उन्हें कार्यालय में बुलाया और पूछा कि क्या वह किडनी दान करने के को लेकर सीरियस हैं. स्टीवंस ने कहा, “मैंने कहा, ‘हां, ज़रूर. यह कोई मजाक की बात नहीं है.” “मैंने नौकरी की सिक्योरिटी के लिए ऐसा नहीं किया. मैंने वेतन वृद्धि पाने के लिए ऐसा नहीं किया. मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं ऐसी ही हूं. स्टीवंस ने आगे कहा, “मैं नहीं चाहती था कि वह मर जाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *