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हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ेगी सपा, अखिलेश ने सोशल मीडिया के जरिए दिए संकेत

हरियाणा विधानसभा चुनाव से समाजवादी पार्टी (सपा) ने किनारा कर लिया है। इसके संकेत सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा के विकास और सौहार्द की विरोधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने में ‘इंडिया अलायंस’ की जो भी पार्टी सक्षम होगी, हम उसके साथ अपने संगठन और समर्थकों की शक्ति को जोड़ देंगे।

सपा प्रमुख का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब हरियाणा में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य सहयोगी दलों से सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”हरियाणा चुनाव में ‘इंडिया अलायंस’ की एकजुटता नया इतिहास लिखने में सक्षम है। हमने कई बार कहा है और एक बार फिर दोहरा रहे हैं व आगे भी दोहराएंगे कि ‘बात सीट की नहीं जीत की है’। हरियाणा के विकास व सौहार्द की विरोधी ‘भाजपा की नकारात्मक, साम्प्रदायिक, विभाजनकारी राजनीति’ को हराने में ‘इंडिया अलायंस’ की जो भी पार्टी सक्षम होगी, हम उसके साथ अपने संगठन और समर्थकों की शक्ति को जोड़ देंगे।”

उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ”बात दो-चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की नहीं है, बात तो जनता के दुख-दर्द को समझते हुए उनको भाजपा की जोड़-तोड़ की भ्रष्टाचारी सियासत से मुक्ति दिलाने की है, साथ ही हरियाणा के सच्चे विकास और जनता के कल्याण की है। पिछले 10 सालों में भाजपा ने हरियाणा के विकास को बीसों साल पीछे धकेल दिया है।”

अखिलेश यादव ने आगे कहा, ”हम मानते हैं कि हमारे या इंडिया अलायंस के किसी भी दल के लिए, ये समय अपनी राजनीतिक संभावना तलाशने का नहीं है, बल्कि त्याग और बलिदान का है। जनहित के परमार्थ मार्ग पर स्वार्थ के लिए कोई जगह नहीं होती। कुटिल और स्वार्थी लोग कभी भी इतिहास में अपना नाम दर्ज नहीं करा सकते हैं। ऐसे लोगों की राजनीति को हराने के लिए ये क्षण, अपने से ऊपर उठने का ऐतिहासिक अवसर है। हम हरियाणा के हित के लिए बड़े दिल से, हर त्याग-परित्याग के लिए तैयार हैं। इंडिया अलायंस की पुकार, जनहित में हो बदलाव।”

हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। वहीं, चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। फिलहाल हरियाणा में भाजपा की सरकार है।

साल 2019 के चुनाव में विधानसभा की 90 सीटों में से भाजपा को 40 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि, कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10 सीटें मिली थी। वहीं, 9 सीटें अन्‍य के खाते में आई थी।

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