फ़ाज़िल्का, 3 सितंबर ():
कार्यकारी सिविल सर्जन फाज़िलका डॉ. एरिक के कुशल नेतृत्व में निर्धारित प्रोग्राम 39वें नैशनल नेत्रदान पखवाड़ा के अनुसार सीनीयर मेडिकल अफ़सर डा. विकास गांधी की देखरेख में आज ब्लाक खुईखेड़ा में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

डा. गांधी ने इस नेत्रदान पखवाड़े के अवसर पर बताया के आंखें सिर्फ मौत के बाद ही दान की जा सकती हैं और मौत के 4 से 6 घंटे के भीतर ही दान हो जानी चाहिए। फिर चाहे किसी को एनक लगी हो या फिर आँखों के ऑपरेशन हुए हों या लेंस लगे हों, फिर भी आंखें दान की जा सकती है।
क्यूँकि एक मनुष्य के नेत्र दान करने से दो लोगों का जीवन रौशन किया जा सकता है। जब भी किसी की आंखें दान करनी हो तो जब तक आई बैंक से टीम नहीं पहुंच जाती तब तक जिस कमरे में शव रखा है, वहां पंखा न चलाया जाए और आँखों के ऊपर एक गीला और साफ़ कपड़ा रखा जाए ताकि आँखों को खराब होने से बचाया जा सके।
नेत्रदान मुहिम को लोक लहर बनाने की जरूरत पर बल देते हुए डॉक्टर विकास गांधी ने कहा की लोगो को इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए और वहम और भ्रम से दूर निकाला जाए। आंखें दान करने की प्रक्रिया टीम द्वारा 15 से 20 मिनट में पूरी कर ली जाती है।
इसके बाद नकली आंखें भी लगा दी जाती हैं ताकि दाह संस्कार के समय देखने वालों को बुरा न लगे। अगर किसी को एड्स, पीलिया, ब्लड कैंसर या दिमागी बुखार जैसी बीमारियों में आंखें दान नहीं की जा सकती।
बीईई सुशील कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 25 अगस्त से 8 सितंबर तक 39वें नैशनल नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिसमें लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित किया जा है। इस अवसर पर सभी ने नेत्र दान का संकल्प लिया।
इस दौरान ब्लॉक की तरफ से लोगो के नेत्रदान हेतु संकल्प करवाया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ. चरणपाल, डॉ. शक्षम कंबोज, ब्लॉक मास मीडिया इंचार्ज सुशील कुमार, हेल्थ सुपरवाइजर लखविंदर सिंह, रविंद्र सिंह, इन्द्रजीत सिंह सहित समूह हेल्थ वर्कर उपस्तिथ थे।