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Windfall Tax: एक महीने में हुई तीसरी कटौती, अब सिर्फ 1,850 रुपये प्रति टन की दर से लगेगा कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स

Windfall Tax in India: सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में एक महीने के भीतर लगातार तीसरी कटौती की है. नई दरें आज से लागू हो गई हैं…

केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में आज लगातार तीसरी बार कटौती कर दी. हालांकि अन्य पेट्रोलियम उत्पादों जैसे डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन यानी ईटीएफ के मामले में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इनके लिए विंडफॉल टैक्स की दरों को शून्य पर स्थिर रखा गया है.

अब इतना हुआ कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स

सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित हो रहे कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को आज से एक बार और कम कर दिया गया है. इस बदलाव के बाद अब डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर सिर्फ 1,850 रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लगेगा. नई दरें आज यानी 31 अगस्त 2024 से प्रभावी हो गई हैं.

अगस्त में तीन बार कम हुई टैक्स की दर

इससे पहले अगस्त महीने के दौरान कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में लगातार दो बार कटौती की जा चुकी है. पिछले महीने कच्चे तेल पर 7 हजार रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लग रहा था. महीने की पहली तारीख को विंडफॉल टैक्स को कम किया गया था. उसके बाद 17 अगस्त को दूसरी आर विंडफॉल टैक्स को घटाकर 2,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया था.

डीजल-पेट्रोल-एटीएफ पर नहीं बदली ड्यूटी

सरकार ने डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन (एटीएफ) पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया है. नोटिफिकेशन के अनुसार, इस टैक्स को एक बार फिर से शून्य पर स्थिर बनाए रखने का फैसला लिया है. मतलब घरेलू रिफाइनरों को डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर मिल रही छूट आगे भी बरकरार रहने वाली है. इससे उन घरेलू कंपनियों को फायदा होता रहेगा, जो रिफाइनरी चलाती हैं और अधिक मुनाफे के लिए डीजल-पेट्रोल व एटीएफ जैसे रिफाइन किए गए उत्पादों को देश के बाहर के बाजारों में बेचती हैं.

हर पखवाड़े में की जाती है समीक्षा

घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर सरकार ने सबसे पहली बार जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया था. साथ ही डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी ड्यूटी लगाई गई थी. कई प्राइवेट रिफाइनर कंपनियां ज्यादा मार्जिन कमाने के लिए डीजल, पेट्रोल और एटीएफ को घरेलू बाजार में न बेचकर अन्य देशों को उनका निर्यात करती हैं. सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स और डीजल, पेट्रोल व एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला लिया था. इसकी समीक्षा अमूमन हर पखवाड़े में यानी हर महीने में 2 बार की जाती है.

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