चंडीगढ़ : सेक्टर-43 स्थित चंडीगढ़ जिला अदालत में शनिवार को हुए गोलीकांड में मारे गए इंडियन सिविल अकाउंट सर्विस (आईसीएएस) अधिकारी हरप्रीत सिंह की मां ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अपने और परिवार की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ कोर्ट फायरिंग मामले में कुलदीप सिंह को बुधवार को सेक्टर-36 पुलिस थाने में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
आरोप के अनुसार आईसीएएस अधिकारी हरप्रीत सिंह की उनके ससुर, पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) मालविंदर सिंह सिद्धू ने मृतक के चाचा कुलदीप सिंह के साथ मिलकर मध्यस्थता कार्रवाई के दौरान गोली चलाई थी।
हाईकोर्ट ने कुलदीप को बुधवार सुबह 8 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित पुलिस थाने में उपस्थित रहने को कहा है। कुलदीप पर पहले भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मामला दर्ज था।

आईसीएएस अधिकारी की मां ने कहा कि कुलदीप सिंह आरोपी सिद्धू के साथ मिले हुए थे और जब उन्होंने कथित तौर पर उनके बेटे को गोली मारी, तब वह भी अदालत में मौजूद थे।
घटना के समय आरोपी मालविंदर सिंह सिद्धू के साथ कुलदीप सिंह भी मौजूद था, लेकिन उसका एफआईआर में नाम नहीं है। उसने कुलदीप सिंह के हाथों अपने जीवन और स्वतंत्रता तथा अपने परिवार को गंभीर खतरे की आशंका जताई है।
कुलदीप सिंह की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि आरोप झूठे हैं तथा वह पूरे दिन संबंधित न्यायालय परिसर में मौजूद नहीं था। बयानों को सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि खतरे की आशंका की जांच किए बिना, मृतक की मां तथा उसके परिवार की सुरक्षा के व्यापक हित में, आदेश पारित किया जा रहा है। कुलदीप को बुधवार को सुबह 8 बजे चंडीगढ़ सेक्टर-36 पुलिस थाने में उपस्थित रहने का निर्देश दिया जाता है।
न्यायाधीश ने कहा कि यदि कुलदीप कल पुलिस थाने में पेश होने में विफल रहता है, तो भ्रष्टाचार मामले में दी गई अंतरिम जमानत रद्द कर दी जाएगी।
अदालत ने कहा कि यदि जांचकर्ता बीएनएस की धारा 103 (2) के तहत दर्ज एफआईआर में याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करना चाहता है, तो यह आदेश उनके काम में बाधा नहीं बनेगा। मामले को आगे के विचार के लिए 7 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया है।