सिविल सर्जन फाजिल्का डॉ. चंद्र शेखर और जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. सुनीता कंबोज के दिशा-निर्देशानुसार और एसएमओ डॉ. पंकज चौहान के कुशल मार्गदर्शन में सब सेंटर आसफवाला में डेंगू जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

इस मौके पर स्वास्थ्य कर्मी संजीव कुमार व सतविंदर सिंह ने उपस्थित लोगों को डेंगू बुखार के लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी दी. इस मौके पर लोगों को अपने घरों में साफ पानी जमा न होने देने के प्रति जागरूक किया गया। यह मच्छर खड़े साफ पानी, रेफ्रिजरेटर ट्रे, कूलर, पानी की टंकियों, गमलों और पक्षियों के गमलों में पनपता है। यह बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है।
यह मच्छर दिन में सुबह और शाम को काटता है। डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, घबराहट, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द, प्लेटलेट काउंट में कमी, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और गंभीर मामलों में नाक और मसूड़ों से खून आना शामिल हैं। बुखार होने पर पैरासिटामोल लेना चाहिए। रोगी को मच्छरदानी में रहना चाहिए। सरकारी अस्पताल में डेंगू बुखार की जांच और इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। दर्द से राहत के लिए रोगी को इबुप्रोफेन और एस्पिरिन की गोलियां नहीं लेनी चाहिए।
इस मौके पर कहा गया कि रेफ्रिजरेटर की ट्रे, कूलर, पानी की टंकियों को हर सप्ताह साफ करना चाहिए और धूप लगाकर दोबारा उपयोग करना चाहिए, रुके हुए पानी में काला तेल मिलाना चाहिए और साफ पानी के स्रोतों को ढककर रखना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें।
इस मौके पर सीएचओ रणजीत सिंह, किरणदीप कौर एमपीएचडब्ल्यू महिला, प्रविंदर कौर शिंदर पाल कौर आशा वर्कर व गांववासी मौजूद थे।