नीति आयोग की बैठक का कर्नाटक, करेल, तेलंगाना, तमिलनाडु, हिमाचल, पंजाब और दिल्ली की सरकारों ने बहिष्कार किया है. इन राज्यों का आरोप है कि बजट में उनके साथ भेदभाव किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में नीति आयोग की बैठक चल रही है. इस बैठक में बीजेपी शासित मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं. खबर है कि ममता बनर्जी बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं. इतना ही नहीं ममता ने इस दौरान कहा कि ये कैसे चल सकता है?
ममता बनर्जी ने कहा, उन्होंने बैठक में अपना विरोध जताया. उन्हें बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया जाता. ये कैसे चल सकता है?
मनमानी कर रही केंद्र सरकार- ममता
ममता बनर्जी ने कहा, केंद्र सरकार मनमानी कर रही है. मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार को) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट बोलने दिया गया. मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की. विपक्ष से मैं अकेली थी जो इस बैठक में भाग ले रही थी लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया. यह अपमानजनक है. यह सिर्फ बंगाल का ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान है.
बैठक से ‘INDIA’ गठबंधन के मुख्यमंत्रियों ने किया किनारा
नीति आयोग की इस बैठक का कई विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए बहिष्कार का ऐलान किया है. बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों में तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब और दिल्ली सरकार शामिल हैं. इसके अलावा कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने भी बैठक में शामिल न होने का फैसला किया.
बैठक में शामिल होने पहुंचीं थी ममता
इसके उलट पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी बैठक में शामिल होने पहुंची थीं. बनर्जी ने कहा था कि इन नेताओं की आवाज को एक साझा मंच पर उठाया जाना चाहिए. इसके साथ ममता ने मांग की कि नीति आयोग को खत्म कर देना चाहिए और फिर से योजना आयोग को फिर से बहाल किया जाना चाहिए.
