Union Budget 2024: केंद्र को लगता है कि नए टैक्स स्लैब से टैक्स का बोझ कम होगा लेकिन विपक्ष इसे इसे नजर का धोखा बता रहा है, जो आंकड़ों के हेर-फेर से ज्यादा कुछ नहीं है.

जब-जब देश का बजट आता है, तब-तब आम आदमी का पूरा ध्यान इसपर होता है कि उसे क्या कुछ मिला. सरकार ने इस बार इसी बात पर खासा जोर दिया, जिसकी झलक नए टैक्स स्लैब में भी दिखी. आइए, जानते हैं:

केंद्र ने बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब तीन लाख से सात लाख रुपए तक की आय पर पांच फीसदी के हिसाब से टैक्स लगेगा. पहले यह छह लाख तक था.

न्यू टैक्स रिजीम के दूसरे स्लैब में भी बदलाव किया गया है. दोनों बदलावों से करदाताओं को 17,500 रुपए तक का फायदा होगा. हालांकि, पुराने टैक्स रिजीम को नरेंद्र मोदी सरकार ने छुआ भी नहीं है.

मतलब साफ है कि पुराने टैक्स रिजीम चुनने वालों को कोई फायदा नहीं होगा. जो लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपनाएंगे सिर्फ उन्हें ही संपूर्ण केंद्रीय बजट के तहत उठाए गए हालिया फैसले का फायदा मिलेगा.
जिन लोगों की आय सात लाख रुपए तक है, उनके लिए राहत है. दरअसल, लंबे समय से इस वर्ग की ओर से टैक्स में राहत की मांग की जा रही थी. उम्मीद भी थी, जिस पर वित्त मंत्री ने निराश नहीं किया.

एक नजर में देखें तो नए टैक्स स्लैब से छोटी ही सही पर राहत जरूर मिलेगी. मोदी सरकार ने साल 2020 में पहली बार न्यू टैक्स रिजीम पेश किया था. यह तब अधिकतर टैक्सपेयर्स को पसंद न आया था.

नए टैक्स रिजीम में 2023 में बदलाव किया गया. पहले छह टैक्स स्लैब थे, जिसे बदलकर पांच किया गया. हालांकि, इसके बाद भी करीब 25 फीसदी आयकरदाताओं ने ही न्यू टैक्स स्लैब को अपनाया.

नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट तीन लाख रुपए की गई है, जबकि स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया है. इसका फायदा सैलरीड क्लास को होगा.

वित्त मंत्री ने इसके अलावा फैमिली पेंशन पर भी डिडक्शन को बढ़ाया. इसे 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया गया है. इससे चार करोड़ वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनर्स को फायदा होगा.

कुल मिलाकर लब्बोलुआब यह है कि टैक्स में राहत तो दी गई है लेकिन उतनी नहीं, जितनी सरकार से लोगों को उम्मीद थी. यानी केंद्र ने निराशा और आशा के बीच एक लाइन नए टैक्स स्लैब से खींच दी है.
