जयपुर । राजस्थान विधानसभा में हिन्दुस्तान जिंक के खिलाफ शिकायतों का मामला प्रश्नकाल में सामने आया । विधायक अर्जुन लाल जीनगर के सवाल के जवाब में सदन को बताया गया कि

हिन्दुस्तान जिंक प्रा.लि. दरीबा इकाई की भूमि का कुछ भाग गांव चकपापड़िया, तहसील भोपालसागर, जिला चित्तौड्गढ की सीमा में भी आता है। पिछले पांच वर्षों में 27 शिकायतें मिली है ।
शिकायतों में माइनिंग कार्य से कुओ का पानी प्रदूषित होने और भूजल का स्तर नीचे जाने, फैक्ट्री से निकलने वाले एसिड के पानी से फसलों से नष्ट होने की ज्यादा शिकायतें है, लेकिन इस शिकायतों पर किसी भी राज्य सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है ।
वहीं जवाब में बताया गया है कि मैसर्स हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के दरीबा में स्थापित लेड जिंक प्लांट में काम करने वाले मजदूरों के स्वास्थय परीक्षण में ब्लड में लेड की बढ़ी हुई मात्रा के बाबत विभाग में कोई अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है।
वहीं इस इकाई द्वारा आस पास के क्षेत्र के भूमिगत जल की गुणवता/ भूमिगत जल में प्रदूषक तत्वों की मात्रा की जॉच हेतु 13 प्रेक्षण कूप (Piezometric Well) स्थापित किये गये है। इन पिज़ोमेट्रिक वेल की जल गुणवत्ता परिक्षण की विगत जॉचो में अधिकांश नमूनों के मुख्य पैरामीटर भारतीय मानक ब्यूरों द्वारा पेयजल हेतु निर्धारित मानक (भू जल) IS10500 2012 के सापेक्ष मानकों के अनुरूप पाए गए तथापि सल्फेट, मैग्नीशियम, TDS एंव कुछ नमूनों में भारी धातु (Heavy metals) यथा सीसा, केडमियम, निकल आदि की सांद्रता मानकों की अनुमत सीमा से अधिक पायी गई । जवाब में बताया गया है कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा उक्त उद्योग के आस पास के भूमिगत जल मे भारी धातु (Heavy metals) की गहन जाँच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है तथा जाँच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।