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‘7 दिन में नहीं हुआ ये काम तो फिर…’, उत्तर प्रदेश सरकार पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि ये रोज हो रहा है कि सरकारी वकील कोर्ट के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के वकील का रवैया लापरवाही भरा है.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (3 जुलाई, 2024) को यौन उत्पीड़न के एक मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोर्ट सिर्फ मनोरंजन के लिए कोई आदेश पारित नहीं करती है. कोर्ट ने यौन उत्पीड़न की पीड़िता से पूछताछ करने संबंधी आदेश का पालन न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने इसे बेहद लापरवाही भरा रवैया करार देते हुए कहा कि वह राज्य के होम सेक्रेटरी को तलब करेगा.

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशनल बेंच ने अभियोजन पक्ष को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के मामले में पीड़िता से पूछताछ करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर दिए गए समय के अंतर्गत आदेश का पालन नहीं हुआ तो कोर्ट गृह सचिव को तलब करेगी.

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट गरिमा प्रसाद पेश हुईं. जस्टिस अमानुल्लाह ने गरिमा प्रसाद से कहा, ‘हमारा आदेश अनिवार्य था, इसका अक्षरशः पालन किया जाना था. हम सिर्फ मनोरंजन के लिए कोई आदेश पारित नहीं कर रहे हैं.’

बेंच ने कहा, ‘हम ऐसा दिन-प्रतिदिन घटित होते देख रहे हैं… सरकारी वकील हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यदि एक सप्ताह के अंदर ऐसा नहीं हुआ तो हम आपके गृह सचिव को यहां बुलाएंगे. ये सब होने देने में हम ही दोषी हैं…गलती हमारी ही है.’

पीठ ने कहा कि राज्य के वकील का रवैया बहुत लापरवाही भरा है. यह एक अनिवार्य आदेश था, इसलिए अभियोजन पक्ष को समय बढ़ाने के लिए याचिका दायर करनी चाहिए थी. पीठ ने गरिमा प्रसाद से कहा, ‘अदालत में बहुत सावधान रहें. अब हम इस पर गंभीरता से विचार करने जा रहे हैं. समय बढ़ाने के लिए उचित आवेदन दायर करना आपका कर्तव्य था.’

सुप्रीम कोर्ट लड़की से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. आरोपी पर 16 वर्षीय लड़की के साथ कथित बलात्कार और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया है. उसने पिछले साल 30 नवंबर को उसकी जमानत याचिका खारिज करने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. अभियोजन पक्ष के अनुसार नाबालिग का छह महीने से अधिक समय तक कई बार यौन शोषण करने के आरोप में आरोपी के खिलाफ 19 सितंबर, 2023 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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