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पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमानत, झारखंड हाई कोर्ट ने दी बड़ी राहत

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. अब उन्हें हाई कोर्ट ने जमानत दी है. उनपर कथित जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से शुक्रवार (28 जून) को बड़ी राहत मिली. झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी. वो कल (शनिवार, 29 जून) जेल से बाहर आ सकते हैं.

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट ने जमानत याचिका पर तीन दिनों तक बहस और सुनवाई पूरी करने के बाद 13 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था.

बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं सोरेन

इस समय सोरेन रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं. ईडी का कहना है कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है. इस जमीन के कागजात में भले हेमंत सोरेन का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत अपराध है.

हेमंत सोरेन का क्या है दावा?

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से दलीलें पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत “भुईंहरी” नेचर की है और इसे किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है. इससे हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है.

विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत

हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ईडी की हिरासत में ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसकी कमान करीबी चंपई सोरेन को सौंप दी थी. इसके बाद से उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पार्टी का कामकाज देख रही हैं. अब झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन को जमानत मिलना पार्टी के लिए बड़ी राहत है.

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