fbpx

खतरनाक कीटनाशकों व दवाओं के प्रयोग को कम करने का समय आया: कुलतार सिंह संधवां

चंडीगढ़, 26 जून:

  • कहा, पंजाब ने देश की आजादी व खाद्यान्न उत्पादन में किया नेतृत्व और अब जहरों का प्रयोग कम करने के लिए भी पंजाब अग्रणी साबित होगा
  • पंजाब विधानसभा सचिवालय में “अत्यधिक खतरनाक कीटनाशकों का प्रयोग: मुद्दे और चिंताएं” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

• पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डीयां व डाॅ. बलबीर सिंह ने लिया भाग

पंजाब में खतरनाक कीटनाशकों और दवाओं के प्रयोग को कम करने का समय आ गया है, यह विचार व्यक्त करते हुए कि
पंजाब विधान सभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि मानव जीवन को बचाने और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने के संदर्भ में यह एक जरूरी मुद्दा बन गया है, जिसको सुचारू ढंग से अपनाकर हल किया जाना अनिवार्य हो गया है।

आज पंजाब विधान सभा सचिवालय में “अत्यधिक खतरनाक कीटनाशकों का प्रयोग: मुद्दे एवं चिंताएं” विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए स. संधवां ने कहा कि पंजाब ने स्वतंत्रता संग्राम और खाद्यान्न की पैदावार बढ़ाने में देश का नेतृत्व किया है और अब पंजाब जहरों व कीटनाशकों का प्रयोग कम करके गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न और फसल पैदा करने में भी अग्रणी साबित होगा।

जैविक खेती और विरासती खेती तकनीकों का प्रयोग लड़ने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कीटनाशकों और रसायनों से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण धीरे-धीरे खतरनाक दिशा में जा रहा है और इसके प्रति किसानों, लोगों और समाज को जागरूक करने की तत्काल आवश्यकता है।

स. संधवां ने कहा कि कीटनाशकों की खपत को कम करना या बंद करना समय की मुख्य मांग बन गई है। कीटनाशक हवा, भूमि, पौधों और पानी के माध्यम से मानव स्वास्थ्य तक पहुंच रहा हैं और अपना प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा हैं।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार खरपतवार नाशक भी सिर्फ खरपतवारों पर प्रभाव नहीं बल्कि मानवता पर भी बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। उन्होंने इन घातक प्रभावों का संदेश जमीनी स्तर पर किसानों और लोगों तक पहुंचाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि पंजाब में प्रतिबंधित कीटनाशकों के इस्तेमाल को और सख्ती से निपटना जरूरी हो गया है।


पंजाब के कृषि मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डीयां ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि कीटनाशकों के उपयोग से हालांकि उत्पादन बढ़ता है, लेकिन यह क्रम धीरे-धीरे मानव अस्तित्व के लिए खतरा बनता जा रहा है।

प्रतिबंधित कीटनाशकों के उपयोग के खिलाफ सख्ती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कीटनाशकों का उपयोग अधिक लाभ की चाहत एक बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति है, जिससे छुटकारा पाने के लिए सरकार, स्वयंसेवी संगठनों, किसानों और समाज की मदद से लगातार प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करने या बंद करने का संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ियों को रहने के लिए अच्छा वातावरण मिल सके।

डॉ. बलबीर सिंह, स्वास्थ्य मंत्री पंजाब ने अपने संबोधन में कहा कि मानव स्वास्थ्य के लिए कीटनाशकों का प्रयोग बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि उद्योगों से निकलने वाले पानी के कारण जमीन में यूरेनियम और खतरनाक रसायनों का स्तर बढ़ रहा है, जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने रसायनों के प्रयोग को कम करने पर जोर देते हुए कहा कि इस संबंध में किसानों और लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी हो गया है।

इस अवसर पर बोलते हुए विशेष मुख्य सचिव कृषि श्री के.ए.पी. सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार पहले से ही दवाओं और कीटनाशकों के प्रयोग को कम करने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि किसान, दवा विक्रेता और कंपनियां अधिक मुनाफा कमाने की कोशिश कर रही हैं जबकि उपभोक्ताओं को उचित भोजन के लिए शुद्ध अनाज और सब्जियों की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने 10 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो कि बासमती की फसल से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी प्रतिबंधित दवाओं के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है।

उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के प्रयोग को कम करने के लिए आवश्यक शोध कार्यों के लिए राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है।

इस अवसर पर श्री कुमार अमित एम.डी. पंजाब एग्रो एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन, श्री उमिन्दर दत्त मिशन कार्यकारी निदेशक खेती विरासत, श्री सतीश सिन्हा एसोसिएट निदेशक टॉक्सिक्स लिंक, डाॅ. बी.एस. घुम्मन पूर्व वाइस चांसलर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, डाॅ. सुखपाल सिंह चेयरमैन पंजाब राज्य किसान आयोग, डाॅ. सोहन सिंह वालिया निदेशक स्कूल ऑफ ऑर्गेनिक फार्मिंग पी.ए.यू, श्री जसवंत सिंह कृषि निदेशक, श्री पीयूष मोहापटरा व अलका दुबे प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर टॉक्सिक्स लिंक, प्रोफेसर रमेश अरोड़ा श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी फतेहगढ़ साहिब, डॉ. अजमेर सिंह भट्ट निदेशक अनुसंधान पी.ए.यू लुधियाना, डॉ. गुरविंदर कौर, श्री गुरसिमरन धनोआ, डाॅ. सचिन गुप्ता, डाॅ. अरुणजीत सिंह, डॉ. सुभाष वर्मा, डाॅ. एमएस भुल्लर, श्री सुखविंदर पप्पी, श्री सुरिंदर माहेश्वरी, श्री करण भुट्टीवाला, श्री बलजीत कंग, श्री मनबीर रेडू, श्री धर्मजीत सिंह मावी, प्रोफेसर बलजीत सहारन, श्री आशीष गुप्ता, डॉ. भुपेश गुप्ता, डाॅ. राजिन्द्र थापर एवं श्री रसपिन्दर सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *