fbpx

गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का किया पर्दाफाश, आरोपी ऐसे देते थे ठगी की वारदात को अंजाम?

Gurugram Crime: गुरुग्राम पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि अभय शुक्ला की देख रेख में यह काम चल रहा था. यह गैंग गूगल पर इस्तेहार देकर करता था हर्बल सेक्सुअल दवाइयां ऑनलाईन बेचने काम.

Gurugram Crime News: हरियाणा के गुरुग्राम में ऑनलाईन हर्बल दवाइयां बेचने के नाम पर ठगी करने वाले एक और कॉल सेंटर का गुरुग्राम पुलिस ने पर्दाफाश किया. इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने कॉल सेंटर से पांच लड़कियों सहित 14 साईबर ठगों को गिरफ्तार किया. थाना पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाईल फोन, 65 सिम कार्ड्स, एक सीपीयू व दो दवाईयां भी बरामद की है. 

एसीपी सोहना विपिन अहलावत के निर्देश पर थाना साईबर पश्चिम गुरुग्राम के निरीक्षक नवीन कुमार ने गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार को उद्योग विहार फेज-पांच गुरुग्राम में छापेमारी की. वहां से ऑनलाईन हर्बल सेक्सुअल दवाईयां बेचने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोप में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया. 

थाना साइबर गुरुग्राम वेस्ट पुलिस ने कॉल सेंटर से पांच लड़कियों सहित कुल 14 आरोपियों को हिरासत में लिया. आरोपियों की पहचान अभय शुक्ला निवासी केशव नगर जिला भरतपुर (राजस्थान),  वैभव शुक्ला निवासी केशव नगर जिला भरतपुर (राजस्थान), उज्जवल कुमार सिंह निवासी कालीबारी राजगीर (बिहार), बलराम अंबेडकर कॉलोनी बिजवासन दिल्ली, विकास पट्टीहारी जिला शाहजहांपुर (उत्तर-प्रदेश), राहुल निवासी गांव ग्रहण जिला मुंगेर (बिहार), वसीम अकरम निवासी गांव मकरमपुर जिला दरभंगा (बिहार), प्रियांशु निवासी बनियापारा महरौली दिल्ली, विशाल निवासी कापसहेड़ा, दिल्ली, रचना श्रीवास्तव (महिला) निवासी पटेल नगर गुरुग्राम, मोनिका निवासी नवीन कुंज गाजियाबाद (उत्तर-प्रदेश), शिखा ठाकुर (महिला) निवासी सरोतर जिला मोतीहारी (बिहार), बबली भोज निवासी गांव छुटिया जिला भागेश्वर (उत्तराखंड) व शशि निवासी खिजराबाद फ्रेंड्स कॉलोनी दिल्ली के रुप में की है. पुलिस आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज जांच में जुटी है. 

ठग ऐसे देते थे घटना को अंजाम

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी अभय शुक्ला की देख रेख में यह काम चल रहा था. यह गैंग हर्बल सेक्सुअल दवाइयां ऑनलाईन बेचने के नाम पर पहले गूगल पर इस्तेहार देते थे.जब लोग इनके द्वारा डाले गए इस्तेहार में दिए हुए नंबरों पर संपर्क करते थे तो ये उन लोगों से ऑर्डर लेकर पैसे अलग-अलग बैंक खातों में डलवा लेते थे. इसके अलावा, उन लोगों से अलग-अलग चार्ज के नाम पर क्यूआर कोड और यूपीआइ आईडी के माध्यम से पैसे डलवाकर धोखाधड़ी से ठगी करने की वारदातों को अंजाम देते थे.

इस बात का हुआ खुलासा

पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि आरोपी पिछले करीब 7-8 महीनों से आरोपी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते थे. ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए आरोपियों को 18 से 20 हजार रुपए की सैलरी तथा ठगी गई राशि का 2 प्रतिशत हिस्सा मिलता था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *