देहरादून :
उत्तराखंड के जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है। नवंबर से जारी आग की एक हजार से अधिक घटनाओं में करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर वन भूमि पर लदी हरियाली जलकर नष्ट हो चुकी है। बिनसर समेत अलग-अलग घटनाओं में अब तक 10 लों गों की जान चली गई और नौ लोग घायल हो चुके हैं। हालांकि प्रशासन आग पर काबू पाने के लिए समय-समय पर वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद ले रहा है, लेकिन आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका।

नवंबर, 2023 से अब तक प्रदेश में जंगल की आग की 1,242 घटना हो चुकी है, इसमें 1,696 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंच चुका है। जंगल की आग पर काबू पाने के लिए अप्रैल में नैनीताल जिले में एयरफोर्स का हेलिकाप्टर पहुंचा था। इसी तरह गढ़वाल में भी मई में भी एयरफोर्स का हेलिकाप्टर पहुंचा। राज्य में कुमाऊं मंडल में सबसे अधिक 598 और गढ़वाल मंडल में 532 जंगल की आग की घटना हुईं।
अल्मोड़ा के जंगल में चारों तरफ से उठ रहा धुआं
तपिश बढ़ने के साथ ही अल्मोड़ा और रानीखेत के जंगलों की आग फिर से बेकाबू होने लगी है। आग अब आईटीआई, विश्वनाथ, कटारमल और सल्ट विकास खंड के डोटियाल के पास जंगलों में धधक गई। सूचना के बाद अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। फायर कर्मियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बमुश्किल आग पर काबू पाया।
वहीं, शनिवार को भी विश्वनाथ, कटारमल और सल्ट विकासखंड के डोटियाल के पास जंगलों में भीषण आग लग गई। पूरे दिन जंगल धधकते रहे, लेकिन जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे। पूरे दिन भर जंगल जलते रहे। रानीखेत के सौनी और रीची के जंगल भी धधकते रहे। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने किसी तरह आग पर काबू पाया।