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सोने के गहने खरीदने हैं तो जान लें, सरकार ने इस तरह की गोल्ड ज्वैलरी के इंपोर्ट पर लगाई बंदिशें

Gold Jewellery Import: विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत टैरिफ रेट कोटा के बावजूद कुछ गोल्ड ज्लैवरी पर आयात अंकुश लगेगा.

Gold Jewellery Import: देश में नई सरकार का गठन हो चुका है और केंद्र सरकार ने आते ही कुछ लंबित फैसलों को अंजाम देना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में कल सरकार ने रत्नों एवं कीमती पत्थरों से जुड़े हुए कुछ खास तरह के सोने के गहनों के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है. यह कदम इंडोनेशिया और तंजानिया से इस तरह की कीमती गुड्स के इंपोर्ट को कम कर सकता है. रेस्ट्रिक्टिड कैटेगरी के तहत आने वाले प्रोडक्ट्स को अब सरकार से इनके लिए मंजूरी या लाइसेंस लेना होगा. भारत का इंडोनेशिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है. 

DGFT ने जारी किया नोटिफिकेशन

इस बारे में डीजीएफटी ने एक नोटिफिकेशन जारी करके जानकारी दे दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) में इंपोर्ट ऑथराइजेशन के बावजूद भी इन जड़ाऊ सोने के गहनों के इंपोर्ट की मंजूरी लेनी होगी.

किस तरह की ज्वैलरी पर लगाई गई बंदिशें- जानें

डीजीएफटी ने नोटिफिकेशन में साफ कर दिया है कि कि मोती, कुछ खास किस्म के हीरे (डायमंड)- दूसरे कीमती और कम मूल्यवान पत्थरों (प्रीशियस स्टोन) से जड़े सोने की ज्वैलरी के लिए इंपोर्ट पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से संशोधित किया गया है. इसको संशोधित करने के बाद ‘मुक्त से अंकुश’ कर दिया गया है. यानी अब ऐसे सोने के गहनों का आयात फ्री से बदलकर रेस्ट्रिक्टेड कैटेगरी के तहत आ गया है. 

केंद्र सरकार ने क्यों लिया बड़ा फैसला?

रेस्ट्रिक्शन या अंकुश की कैटेगरी में रखी गए गुड्स का आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस/ अनुमति लेने की जरूरत होती है.  एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा कि इंडोनेशिया और तंजानिया से इन प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट में इजाफा देखा गया है लिहाजा इस पर सरकार ने ध्यान दिया और घरेलू बिक्री पर निगेटिव असर ना हो इसके हिसाब से लेवल प्ले करने की कोशिश की है.

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