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कार्यालय जिला जनसंपर्क अधिकारी , फतेहगढ़ साहिब जिले में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने दिशा-निर्देश जारी किये

जिला मजिस्ट्रेट फतेहगढ़ साहिब श्रीमती परनीत शेरगिल, पुलिस कोड एसो 1973 ( 2 1974) खंड 144 के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करके जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों , अधिकारियों, राजनीतिक रैलियों , रैलियों, विरोध प्रदर्शनों , सामाजिक , धार्मिक , वाणिज्यिक संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों/आयोजनों के दौरान कोई भी सार्वजनिक स्थान । शादियों में मैरिज पैलेसों , क्लबों , होटलों और खुले स्थानों पर लाउडस्पीकर , डीजे का उपयोग । पंजाब वाद्ययंत्र (शोर नियंत्रण) अधिनियम , 1956 में निर्धारित शर्तों के तहत उप-विभागीय मजिस्ट्रेट की लिखित मंजूरी के बिना ऑर्केस्ट्रा या संगीत वाद्ययंत्र नहीं बजाया जाएगा । रात में लाउडस्पीकर और कोई अन्य संगीत या ध्वनि वाद्ययंत्र बजाने की अनुमति लेने के बावजूद सुबह 10 बजे से सुबह तक 06 बजे तक चलायें पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा । किसी भी व्यक्ति द्वारा संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से अनुमोदन प्राप्त करने के बावजूद भी कार्यक्रम/समारोह के परिसर , धार्मिक स्थल तथा भवन की चारदीवारी के भीतर इन लाउड स्पीकरों , ध्वनि/संगीत वाद्ययंत्रों आदि की ध्वनि नहीं बजाई जायेगी। । रहना चाहिए कोई भी ध्वनि संगीत वाद्ययंत्र और चलने वाली मशीन दिन के समय औद्योगिक क्षेत्र में ध्वनि उत्पन्न होती है 75 डीबीए और रात में 70 डीबीए , वाणिज्यिक क्षेत्र में दिन का समय 65 डीबीए और रात में 55 डीबीए , आवासीय क्षेत्र में दिन का समय 55 डीबीए और रात में दिन के दौरान 45 डीबीए और मौन क्षेत्र में रात में 50 डीबीए 40 डीबीए की सीमा पार नहीं होनी चाहिए।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार किसी को भी ऐसे पटाखे नहीं चलाने चाहिए , जिसके चलने की जगह से 4 मीटर के दायरे में 125 डीबी (एआई) और 145 डीबी (सी) पीके। अधिक शोर उत्पन्न करें और अधिक धुआं छोड़ें पटाखे बनाना , बेचना और भंडारण करना पर्यावरण में प्रदूषण फैला रहा है पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा । यह प्रतिबंध ध्वनि और रंगीन रोशनी पैदा करने वाले पटाखों पर लगाया गया है पर लागू नहीं होगा रात की सुबह के 10 बजे 6 बजे तक आतिशबाजी पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा । किसी भी स्थान और वाहनों में रात सुबह के 10 बजे विशेष परिस्थितियों को छोड़कर 6 बजे तक हॉर्न बजाना पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा । प्रेशर हॉर्न और अन्य ऐसे हॉर्न का निर्माण और बिक्री , जो ध्वनि प्रदूषण आदि का कारण बनते हैं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. किसी भी सार्वजनिक स्थान , भवन , सिनेमा , मॉल , होटल , रेस्तरां और मेलों के आयोजकों द्वारा तेज़ और धमकी भरा संगीत और अश्लील गाने बजाना पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा ।

अपने उपमंडल में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए जिले में समूह उपमंडल मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं आपके स्तर पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं भारत सरकार के ऐसे आदेश एवं आदेश जारी करेंगे अपने उप-विभाजन में ” ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम , 2000″ का सख्ती से पालन करेंगे । उप-विभागीय मजिस्ट्रेट को अपने उप-विभाग में ध्वनि प्रदूषण के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है संबंधित डी.एस.पी. और पर्यावरण अभियंता के साथ मिलकर आवश्यक जांच करेंगे और शिकायत सही पाई जाएगी तथा माननीय न्यायालय के आदेशानुसार ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले उपकरणों को हटा कर अपने कब्जे में ले लिया जायेगा तथा इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। ध्वनि प्रदूषण एवं पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम हेतु तकनीकी रूप से संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को पर्यावरण अभियंता और ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न विभागों , जिला रेड क्रॉस सोसाइटी , सामाजिक सेवा संगठनों , रोटरी क्लबों और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ विभिन्न स्थानों पर सहयोग करेगा । वे जागरूकता शिविर , होर्डिंग और बैनर लगाएंगे। जिले में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई भी पटाखा फैक्ट्री केवल निर्धारित आकार एवं ध्वनि तथा खतरा उत्पन्न करने वाले पटाखों का ही उत्पादन करेगी। निर्धारित ध्वनि सीमा से अधिक ध्वनि एवं शोर उत्पन्न करने वाले पटाखे बनाना , पर्यावरण में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे बनाना तथा प्रतिबंधित विस्फोटक सामग्री बनाना। पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा । पटाखे बनाने में उपयोग की जाने वाली सामग्री की मात्रा , पटाखों का आकार , डेसिबल में ध्वनि और शोर के स्तर का पूरा विवरण पैकिंग बॉक्स और पटाखों पर अवश्य लिखा जाना चाहिए । इस आदेश का उल्लंघन किया जाए जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक द्वारा संबंधित पटाखा फैक्ट्री मालिक एवं प्रबंधक के विरुद्ध कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जायेगी . यह आदेश सरकारी मशीनरी एवं आपातकालीन स्थिति में लागू नहीं होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. जिले में यह आदेश 05 अगस्त , 2024 तक लागू रहेगा .

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