नई दिल्ली
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी में दिए अपने भाषण में कहा कि देश के संवैधानिक लोकतंत्र के मूल में चुनाव हैं, लेकिन जज संवैधानिक मूल्यों की निरंतरता को दर्शाते हैं, जो इस व्यवस्था की रक्षा करते हैं। मंगलवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में समाज में निर्णायकों की मानवीय भूमिका विषय पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने में तकनीक की अहम भूमिका है।

लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका अहम
सोशल मीडिया पर न्यायाधीशों की आलोचना की बात को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रौद्योगिकी का समग्र प्रभाव न्यायपालिका को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में मदद करना है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश से भारतीय चुनाव को लेकर सवाल किया गया। इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ‘चुनाव संवैधानिक लोकतंत्र के मूल में हैं, लेकिन भारत में न्यायाधीशों का चुनाव नहीं किया जाता। न्यायाधीश संवैधानिक मूल्यों की निरंतरता की भावना को दर्शाते हैं। लोकतंत्र में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसमें हम परंपरा की भावना को दर्शाते हैं और ये भी दर्शाते हैं कि एक अच्छे समाज का भविष्य कैसा होना चाहिए।’
विशेष विवाह अधिनियम पर बोले
बतौर जज फैसले सुनाते समय राजनीतिक और सामाजिक दबावों के बारे में पूछे जाने पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अपने 24 साल के अपने करियर में उन्हें कभी भी सत्ता की तरफ से राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा है। विशेष विवाह अधिनियम के फैसले पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैं यहां फैसले का बचाव करने के लिए नहीं आया हूं क्योंकि मेरा मानना है कि एक बार जो फैसला सुना दिया गया, वह वैश्विक मानवता की संपत्ति बन जाता है। विशेष विवाह अधिनियम संसद द्वारा पारित एक कानून था। उस मामले में मैं अल्पमत में था, लेकिन मेरे तीन सहकर्मी सहमत नहीं थे क्योंकि उनका मानना था कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देना न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।
उन्होंने कहा कि ‘न्यायालय निरंतर संवाद की प्रक्रिया में शामिल है और कोर्ट न केवल मुकदमा करने वाले पक्षों के साथ बल्कि नागरिकों और समाज के साथ भी संवाद करता है। अहम संवैधानिक मामलों को लाइवस्ट्रीम करने के उनके फैसले पर डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा हमें न्याय की प्रक्रिया और कानून के प्रशासन को लोगों के घरों और दिलों तक ले जाने की जरूरत है।’
हार की समीक्षा की जाएगी, हरियाणा में भाजपा की सीटें कम होने पर बोले मनोहर लाल
करनाल । लोकसभा चुनाव के परिणाम अब सामने आ चुके हैं। हरियाणा की अगर हम बात करें तो यहां की दस में से पांच सीटों पर भाजपा और पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
हालांकि, भाजपा नेता, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी मनोहर लाल की ओर से लगातार प्रदेश की सभी दस सीटों पर जीत का दावा किया जा रहा था। भाजपा की सीट कम होने पर अब प्रदेश के पूर्व सीएम मनोहर लाल का बयान सामने आया है।
मनोहर लाल ने कहा कि जाहिर है कि जितना लक्ष्य निर्धारित किया था, उतना हासिल नहीं कर पाए, फिर भी जो परिणाम आए हैं उसे हम स्वीकार करते हैं। हार की वजहों की समीक्षा की जाएगी, प्रत्याशी की ओर से कमी रही हो या फिर पार्टी की ओर से या जनता की हमसे जो उम्मीदें थे, उसमें कोई कमी रह गई हो। इन सभी बातों पर समीक्षा की जाएगी और कमी दूर की जाएगी।
राहुल गांधी के इंडी गठबंधन की जीत के दावे पर उन्होंने कहा कि वह जीत नहीं पाए हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस नेताओं ने गलत बयानबाजी कर जनता को भ्रमित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि बिना किसी विवाद के चुनाव पूरा हुआ, उसके लिए प्रदेश की जनता, संस्थाओं और चुनाव आयोग का आभार।
लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ अपना इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस्तीफा स्वीकार कर करते हुए पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद से नई सरकार बनने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के परिणाम में इस बार भाजपा बहुमत से दूर है लेकिन एनडीए बहुमत के पार है।