इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के एसोसिएट डायरेक्टर (प्रशिक्षण) डॉ. विपन कुमार रामपाल ने अतिथियों का स्वागत किया और डेयरी फार्मिंग के संक्षिप्त इतिहास और महत्व के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्व दुग्ध दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया को खिलाने के लिए गुणवत्तापूर्ण पोषण प्रदान करना है। वे दूध को एक सुलभ, किफायती और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन और दुनिया भर में संतुलित आहार का एक अनिवार्य हिस्सा बताते हैं।

डॉ। गुरांशप्रीत सिंह सेठी, सहायक प्रोफेसर (पशु विज्ञान) ने किसानों को गर्मी के मौसम के दौरान डेयरी मवेशियों के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न रणनीतियों पर भी जोर दिया। अंततः डॉ. गुरांशप्रीत सिंह सेठी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम ने डेयरी किसानों को खनिज उर्वरक भी प्रदान किए।