भजनलाल सरकार ने राजस्थान में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक कदम और बढ़ाया है। राज्य सरकार ने उन कंपनियों के लिए निवेश सब्सिडी (प्रोत्साहन राशि) को मंजूरी दे दी है, जिन्होंने संचयी रूप से 3,500 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है। जिन सेक्टर्स के लिए निवेश प्रोत्सान मंजूर किया गया है उनमें टेक्सटाइल, ऑटो, खनन, कृषि-संस्करण की इकाइयां, स्टील और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों की कंपनियां शामिल हैं।

राज्य में यह पहला मौका है, जब सरकार ने हरित प्रोत्साहन को मंजूरी दी है। राजस्थान औद्योगिक नीति 2002 में इसके लिए प्रावधान किया गया था। उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि इन ग्रीन इनिशिएटिव के जरिए उभरते क्षेत्र जैसे ग्रीन हाईड्रोजन, वैकल्पिक ऊर्जा और चिकित्सा उपकरणों आदि में राजस्थान लीडरशिप हासिल करना चाहता है। इसका मकसद यह है कि हम जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में अग्रणी बन सकें।
अजिताभ शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राजस्थान औद्योगिक प्रोत्साहन योजना के तहत निवेश प्रोत्साहन के जो भी वायदे किए हुए हैं, उन्हें समयबद्ध तरीके से मंजूरी दी जाए। ताकि निवेशकों को समय पर इसका लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि पूंजी निवेश करने वाले और इच्छुक उद्योगपतियों को निवेश प्रोत्साहन राशि का दावा करने में आ रही जटिलताओं का समाधान करते हुए उद्योग विभाग इस नीति को फिर से लागू कर रहा है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार का यह कदम राजस्थान में निवेश के लिए और भी कंपनियों प्रोत्साहित करेगा। जब सरकारें इस तरह के फैसले लेती है तो कंपनियां भी उस प्रदेश की ओर आकर्षित होती है। इस तरह के फैसले निवेश प्रोत्साहन में एक ऐसा वातावरण बनाते हैं जो विदेशी व्यवसायों को लाभप्रद रूप से संचालित करने में सक्षम बनाता है और जोखिम कम करता है। निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार का यह कदम सराहनीय है।