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लो अब कोवैक्सिन के भी साइड इफेक्ट्स : BHU की रिसर्च के मुताबिक सांस का इन्फेक्शन, ब्लड क्लॉटिंग जैसे मामले सामने आए

कोविशील्ड के बाद अब कोवैक्सिन के भी साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स ने स्प्रिंगरलिंक जर्नल में छपे एक शोध के हवाले से यह जानकारी दी है। यह शोध बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हुआ है। इसमें बताया कि एक तिहाई लोगों को कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ा है।

शोध में पाया गया कि अध्ययन में शामिल लगभग आधे किशोरों और लगभग 43% वयस्कों को ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण की समस्या आई। इस वजह से उन्हें सर्दी-जुकाम जैसी परेशानियां हुईं। शोध में यह भी बताया कि किशोरों में त्वचा संबंधी रोग (10.5%), तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार (4.7%) और सामान्य विकार (10.2%) देखे गए. वहीं, वयस्कों में सामान्य विकार (8.9%), मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े विकार (5.8%) और तंत्रिका तंत्र से जुड़े विकार (5.5%) देखे गए।

शोध में पाया गया कि कुछ मामलों में कोवैक्सिन के कारण गिलियन-बेरे सिंड्रोम (GBS) भी हो सकता है. GBS एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसके कारण शरीर के बड़े हिस्सों में पक्षाघात हो सकता है।

इस शोध में किशोर लड़कियों में मासिक धर्म में अनियमितता (4.6%), आंखों में समस्याएं (2.7%) और हाइपोथायरायडिज्म (0.6%) भी देखे गए. कुछ लोगों में स्ट्रोक (0.3%) और गिलियन-बेरे सिंड्रोम (0.1%) भी पाया गया है।

शोध में बताया गया कि पहले से किसी भी एलर्जी से पीड़ित किशोर और महिला वयस्क, और जिन लोगों को टीकाकरण के बाद टाइफाइड हो गया, वे कोवैक्सिन के साइड इफ़ेक्ट्स के लिए ज़्यादा जोखिम में हैं.

भारत बायोटेक, कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी, ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि उनके द्वारा बनाई गई वैक्सीन सुरक्षित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोवैक्सिन की दो डोज ली हैं।
नोट :-यह खबर सिर्फ सूचनार्थ और जानकारी देने के लिए हैं। किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह लेवें।

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