ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में पुलिस ने फोर्टिस अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप की गिरफ्तारी और पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर दोनों डॉक्टरों को पकड़ा गया।

पुलिस ने इस मामले में एक ही दिन में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी की गिरफ्तारी के बाद सर्जन संदीप गुप्ता और जितेन्द्र गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में जो अहम जानकारी मिली वह यह थी कि दोनों डॉक्टर किराए के मकानों में मरीज देखने जाते थे।
डॉक्टर जितेन्द्र गोस्वामी फोर्टिस के पहले मणिपाल हॉस्पिटल में सेवा दे रहे थे, मणिपाल का लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर सितम्बर 2023 में जितेन्द्र गोस्वामी ने फोर्टिस जॉइन कर लिया था। डॉक्टर जितेन्द्र और संदीप गुप्ता ही फोर्टिस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया करते थे। ट्रांसप्लांट करने वाले कई अन्य डॉक्टरों से भी इनकी मुलाकात है।
नर्सिंग स्टाफ दलालों की मदद कर रहा था
ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर विनोद सिंह, अंग प्रत्यारोपण के मामले में एमओयू की गई कंपनी मैड सफर के डायरेक्टर सुमन जाना और दलाल सुखमय नंदी से पूछताछ में भानू की भूमिका मिली थी। पूछताछ में में यह बात सामने आई कि आरोपी रोजाना दलालों के संपर्क में रहकर उन्हें अवैध ट्रांसप्लांट के लिए मदद करता था।