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फर्जी एनओसी के जरिये ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में फोर्टिस अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ गिरफ़तार, दलालों से पूछताछ में मिले सबूत

ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में पुलिस ने फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को गिरफ्तार किया है। दलालों से पूछताछ करने पर कई अन्य सबूत मिले हैं। गिरफ्तार नर्सिंग स्टाफ सर्जरी के बाद मरीज की देखभाल का काम किया करता था।

पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के मुताबिक फोर्टिस का गिरफ्तार नर्सिंग स्टाफ आरोपी भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप बारां के हरनावदा का रहने वाला है। अब पुलिस भानू और दलालों के सीधे संपर्क में रहने वाले डॉक्टर्स की भूमिका पता लगाने में जुटी है। इसके अलावा इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल व दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

आरोपी भानू से पूर्व में एसीबी भी पूछताछ कर चुकी है। जब एसीबी ने आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया था, उसने अस्पताल आना ही बंद कर दिया। ऐसा उसने फोर्टिस प्रबंधन के कहने पर किया था। तब से वह गांव में ही रहा था।

एसीबी ने फर्जी एनओसी के लिए रिश्वत लेते हुए सवाई मानसिंह अस्पताल के एएओ गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर विनोद सिंह, अंग प्रत्यारोपण के मामले में एमओयू की गई कंपनी मैड सफर के डायरेक्टर सुमन जाना और दलाल सुखमय नंदी से पूछताछ से की गई पूछताछ में भानू की भूमिका संदिग्ध मिली। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रोजाना दलालों के संपर्क में रहकर उन्हें अवैध कामकाज में मदद करता था।

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