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एस्ट्राजेनेका ने क्यों वापस ली कोविड-19 वैक्सीन?

दिग्‍गज फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से बनाई गई अपनी कोविड-19 वैक्सीन को दुनिया भर से वापस ले रही है। कंपनी ने ब्रिटेन की एक अदालत में वैक्‍सीन के खतरनाक साइड इफेक्‍ट की बात स्‍वीकार की थी। इसके महीने बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है।

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने स्वेच्छा से भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वैक्सजेवरिया के रूप में बेची जाने वाली अपनी कोविड-19 वैक्सीन के ‘मार्केटिंग ऑथराइजेशन’ को वापस ले लिया। अब इसका इस्तेमाल यूरोपीय संघ में नहीं किया जा सकेगा।”

हालांकि, कंपनी ने 5 मार्च को वैक्सीन वापस लेने के लिए आवेदन किया था, लेकिन यह मंगलवार से लागू हो गया।

रिपोर्ट के अनुसार, 60 लाख से ज्यादा लोगों की जान बचाने का श्रेय लने वाली एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में हाईकोर्ट को सौंपे गए एक कानूनी दस्तावेज में स्वीकार किया था कि उसकी कोविड वैक्सीन बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकती है।

थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक सिंड्रोम (टीटीएस) के दुर्लभ दुष्प्रभाव हैं, जिसके कारण लोगों में खून के थक्के जमने लग सकते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है।

ब्रिटिश-स्वीडिश मल्टीनेशनल फार्मास्यूटिकल पर भी ब्रिटेन के हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है। 50 से ज्यादा कथित पीड़ितों ने यह मुकदमा दायर कराया था।

हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वैक्सीन को ‘कमर्शियल कारणों’ से वापस लिया जा रहा है और इसका अदालत के मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

कंपनी ने एक बयान में कहा, “कई कोविड वैरिएंट और संबंधित-वैक्सीन के कारण उपलब्ध अपडेटेड टीकों की अधिकता है। इससे वैक्सजेवरिया की मांग में गिरावट आई है, जिसकी अब निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है। इसलिए एस्ट्राजेनेका ने यूरोप के भीतर वैक्सजेवरिया के लिए ‘मार्केटिंग ऑथराइजेशन’ वापस लेने का फैसला लिया है।”

कंपनी ने कहा कि वह वैक्सजेवरिया के लिए ‘मार्केटिंग ऑथराइजेशन’ वापसी शुरू करने के लिए ग्लोबल नियामक अधिकारियों के साथ सहयोग करेगी, जहां वैक्सीन के लिए भविष्य में कोई कमर्शियल मांग की उम्मीद नहीं है।

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