fbpx

वैक्सीन के साइड इफैक्ट से डरने की जरूरत नहीं, हेल्दी लाइफ जिएं, इम्यूनिटी को बढ़ाकर रखें

दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश कोर्ट में स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन कोविशील्ड की वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक आ सकता है। इससे लोगों में बेचैनी पैदा हो गई। तमाम विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कहा कि साइड इफैक्ट से डरने की जरूरत नहीं है। इसका असर लाखों में एक मरीज पर होता है। सबका मेटाबॉलिज्म एक जैसा नहीं होता है। वैक्सीन लगे हुए दो साल हो चुके हैं और साइड इफैक्ट का असर भी धीरे धीरे कम हो गया है।

इसी मुद्दे को लेकर हमने पिछले 16 वर्षों से वैक्सीन के क्षेत्र में कार्यरत, विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सनोफी (फ्रांस) में दस वर्षों तक प्रशिक्षण एवं विकास प्रबंधक रहे अमित खन्ना से बातचीत की। उन्होंने बताया कि वैक्सीन तीन तरह से तैयार होती है। पहली बैक्टीरिया या वायरस को मारकर, दूसरे में जिंदा पार्ट और तीसरे में कृत्रिम रूप से तैयार कर मानव शरीर में डाला जाता है। मकसद हमारा शरीर उस तरह के वायरस या बैक्टीरिया को पहचान ले और और एंटी बॉडी बना ले।

उन्होंने बताया कि बैक्टीरिया या वायरस का अत्याधिक कमजोर किया हुआ ज़िंदा पार्ट लेकर तैयार की गई वैक्सीन ज्यादा असरकारी होती है। जिसे हम लाइव वैक्सीन कहते हैं कोविशील्ड कृत्रिम वायरस लैब में तैयार कर बनाई गई है।

खास बात यह है कि कोरोना महामारी के समय लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सीन को जल्दी तैयार किया गया, नहीं तो लाखों लोगों की मौतें हो सकती थीं। साइड इफैक्ट तो 0.0001 प्रतिशत भी नहीं है। इसलिए साइड इफैक्ट से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें हेल्दी लाइफ जीने के लिए खाने-पीने, व्यायाम करने और इम्यूनिटी बढ़ाने की जरूरत है। इसके बावजूद भी यदि सांस फूलना, बीपी का निरंतर बदलना, लंबे समय तक खांसी या जुकाम रहने पर डॉक्टर की सलाह जरूरी लेनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि भारत में तैयार कोवैक्सीन भी एक बेहतर वैक्सीन थी परन्तु उसका उत्पादन कम था भारत में बड़े पैमाने पर कोवाक्सिन भी लगी है जिसके कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आये हैं। वर्तमान में सरकार की ओर से कोई वैक्सीन नहीं आ रही है। कोविड की कुछ प्राइवेट कंपनियों ने डीएनए बेस वैक्सीन तैयार की है जो इस वक्त मुंबई, दिल्ली, मद्रास और कोलकाता जैसे शहरों में ही उपलब्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *