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चंडीगढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह शुरू; प्रदेश सचिव नितिन राय ने दिया इस्तीफा, मनीष तिवारी के खिलाफ बगावत

कांग्रेस ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। पवन बंसल का टिकट काटकर इस बार मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, मनीष तिवारी के उम्मीदवार घोषित होते ही चंडीगढ़ कांग्रेस तिवारी और पवन बंसल गुट में बंटकर दो फाड़ होती नजर आ रही है। पार्टी में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। स्थिति यह है कि बंसल गुट के नेता और प्रदेश सचिव नितिन राय चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।


नितिन राय ने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। नितिन राय ने पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा सौंपते हुए लिखा- मैं नितिन राय चौहान पवन कुमार बंसल के पक्ष में चंडीगढ़ प्रादेशिक कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं बाहरी व्यक्ति को चंडीगढ़ लोकसभा उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नहीं कर सकता।
वहीं दूसरी ओर बगावत के चलते पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता हाफिज अनवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हाफिज अनवर ने भी पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है। हाफिज अनवर चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लकी को लेकर काफी मुखर हो रखे हैं।
चंडीगढ़ कांग्रेस से और इस्तीफे आएंगे सामने?
बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ कांग्रेस से और भी इस्तीफे सामने आ सकते हैं। बंसल गुट के नेताओं के इस्तीफे होंगे। दरअसल, पवन बंसल को टिकट न मिलने से उनके गुट के नेताओं में बेहद मायूसी और नाराजगी है। वह चाह रहे थे कि पवन बंसल को फिर से टिकट मिले। वहीं बंसल भी प्रमुख दावेदार के रूप में शहर में अपने प्रचार-प्रसार में जोर लगाए हुए थे। ज्ञात रहे कि, पवन बंसल चंडीगढ़ कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं और वह यहां से तीन बार सांसद रह चुके हैं। इस दौरान वह केंद्रीय मंत्री भी रहे।
मनीष तिवारी का जन्म चंडीगढ़ में, फिर बाहरी होने का सवाल?
मनीष तिवारी को बाहरी बताया जा रहा है। लेकिन आपको बता दें कि वह चंडीगढ़ में ही जन्में हैं। तिवारी की यहीं से पढ़ाई हुई। उनके माता-पिता यहीं काम किया। फिलहाल मनीष तिवारी आनंदपुर साहिब पंजाब से सांसद हैं। वह पूर्व में लुधियाना से भी सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा केंद्र में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी रहे। वहीं मनीष तिवारी सुप्रीम कोर्ट के एक मजे हुए एडवोकेट भी हैं। इसके साथ ही तिवारी लेखक भी हैं। उन्होने 4 पुस्तकें लिखीं हैं।
बीजेपी के संजय टंडन से हो रहा मुक़ाबला:
चंडीगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने किरण खेर को किनारे कर संजय टंडन को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार स्थानीय उम्मीदवार पर दांव खेला गया है। संजय टंडन की छवि एक समाजसेवी व साफ-सुथरे और ईमानदार कर्मठशील नेता की है। लोगों के बीच काफी मिलनसार होने के कारण टंडन की शहर में अच्छी पैठ है। जिसका फायदा चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है। अब सीधा मुक़ाबला मनीष तिवारी और संजय टंडन के बीच है।

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