
जिला गुरदासपुर के गांव चवा में सीवरेज की सफाई करते समय तीन प्रवासी मजदूरों के दिमाग में गैस घुसने से वे बेहोश हो गए। गांव के लोगों ने किसी तरह उन्हें सीवरेज से बाहर निकाला और सिविल अस्पताल गुरदासपुर में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई, जबकि दूसरे की हालत गंभीर बताई जा रही है।

अस्पताल प्रशासन बाकी कर्मियों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है।सिविल अस्पताल में जानकारी देते हुए जिला भरतपुर (राजस्थान) निवासी नीरू ने बताया कि वह गांव में सफाई का काम करती है। उन्होंने बताया कि बुधवार को उनके पति कन्हैया गांव में सीवरेज की सफाई कर रहे थे. इसी दौरान दिमाग में गैस घुसने से वह बेहोश हो गये. इसके बाद पति कन्हैया को बचाने के लिए उसका भतीजा नवी और भाई मोनू भी सीवर में उतरे तो दोनों बेहोश हो गए। उनकी चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग इकट्ठा हो गए और किसी तरह तीनों को बाहर निकालकर सिविल अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान उनके पति कन्हैया की मौत हो गई, जबकि उनके भतीजे नेवी की हालत गंभीर बनी हुई है। सिविल अस्पताल के अधिकारियों ने एक की मौत और अन्य की हालत गंभीर होने की पुष्टि की है। यहां बता दें कि विदेशों में जहां सीवेज साफ करने के लिए मशीनें लगाई जाती हैं और जरूरत पड़ने पर पूरे प्रोटोकॉल के तहत पूरे उपकरण और फुल ड्रेस के साथ सीवेज में उतरना अनिवार्य कर दिया जाता है। भारत में आजादी के इतने दशकों बाद भी लोगों को उनके जाने की जरा भी परवाह नहीं है. अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।
