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Lok Sabha Election 2024: रायबरेली और अमेठी पर कांग्रेस क्यों नहीं कर रही उम्मीदवारों का ऐलान? BJP की भी बढ़ रही बेचैनी!

UP Lok Sabha Chunav 2024: अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि राहुल और प्रियंका, यहां से चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अभी तक 14 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. यूपी में कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) के तले समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ रही है. पार्टी को सपा की ओर 17 सीटें मिली हैं. इन 17 सीटों में सबसे ज्यादा चर्चा अमेठी और रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की है. यह दोनों सीटें परंपरागत रूप से गांधी परिवार की मानी जाती हैं. देश की 543 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने अभी तक 150 से ज्यादा पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है जो अलग-अलग चरणों में नामांकन करेंगे. हालांकि रायबरेली और अमेठी पर कांग्रेबीते स की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है.

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई ने इन दोनों सीटों पर फैसला करने के लिए कांग्रेस हाईकमान और केंद्रीय चुनाव समिति को अधिकृत कर दिया है. यूपी में कांग्रेस के चीफ अजय राय भी कई बार यह बात दोहरा चुके हैं कि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में गांधी परिवार का सदस्य ही चुनाव लड़ेगा और हमने हाईकमान को इस संदर्भ में फैसला करने का अधिकार दे दिया है. कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने भी गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए प्रयागराज में कहा कि यह दोनों सीटें, गांधी-नेहरू परिवार की हैं. हमने कांग्रेस सीईसी और गांधी परिवार को इस पर फैसला लेने के लिए आग्रह किया है.

यूपी में नहीं लड़ेंगे राहुल-प्रियंका?
बीते दिनों सूत्रों के हवाले से यह खबरें आईं थीं कि प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने क्रमशः रायबरेली और अमेठी निर्वाचन क्षेत्रों से इलेक्शन लड़ने के लिए मना कर दिया है. ऐसे में पार्टी नए नामों पर विचार कर रही है. बात भारतीय जनता पार्टी की करें तो अभी तक पार्टी ने सिर्फ अमेठी निर्वाचन क्षेत्र पर ही प्रत्याशी उतारा है. पार्टी ने स्मृति ईरानी को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में ईरानी ने राहुल गांधी को हराया था. वहीं रायबरेली लोकसभा सीट पर साल 2019 में सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी लेकिन 2024 के आम चुनाव के ऐलान से पहले कांग्रेस नेता ने राज्यसभा का रुख कर लिया.

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अमेठी के लिए क्या है कांग्रेस का प्लान?
इन सबके बीच अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस की निश्चिंतता के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सियासी जानकारों के एक वर्ग का कहना है कि गांधी परिवार ने यूपी से दूरी बनाने का मन बना लिया है तो वहीं दूसरा हिस्सा ये कह रहा है कि निश्चित तौर पर गांधी परिवार अपने निर्णय से इन दोनों सीटों पर विपक्ष को चौंकाएगा. इस घटनाक्रम से वाकिफ लोगों का दावा है कि चूंकि अमेठी और रायबरेली में चुनाव पांचवें चरण में होगा इसलिए कांग्रेस ने अभी तक इन सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है. राहुल गांधी ने वायनाड से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. वायनाड में पहले चरण में चुनाव होने हैं जो 19 अप्रैल को मतदान के साथ संपन्न हो जाएंगे. वहीं पांचवे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से शुरू होगी जो 3 मई तक जारी रहेगी. ऐसे में अगर राहुल को अमेठी से भी चुनाव लड़ना होगा तो वह वायनाड का चुनावी कार्यक्रम पूरा कर के अमेठी पर अपनी ताकत झोकेंगे.

रायबरेली में लगे प्रियंका के पोस्टर
बात रायबरेली की करें तो यहां भी पाचंवें चरण में चुनाव होगा और 20 मई को मतदान संपन्न कराए जाएंगे. रायबरेली सीट पर चर्चा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा या गांधी परिवार का कोई करीबी चुनाव लड़ सकता है. चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले रायबरेली में प्रियंका गांधी वाड्रा के पोस्टर लगे थे. प्रियंका से कई नेताओं नेअपील की है कि वह रायबरेली से चुनाव लड़ें और सोनिया की सियासीविरासत संभालें. माना जा रहा है कि पार्टी यूपी के पहले चार चरणों में चुनाव प्रचार के बाद अमेठी और रायबरेली का रुख करेगा.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी खेमा अभी यह मानने को राजी नहीं है कि गांधी परिवार, इस चुनाव में यूपी में मुंह मोड़ लेगा इसीलिए पार्टी दोनों सीटों पर मजबूत किलेबंदी कर रही है ताकि कांग्रेस अगर राहुल और प्रियंका को बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे तो उनकी सियासी तैयारी में कोई कमी न रहे. केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी कई मौकों पर यह कह चुकी हैं कि दोनों ही सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जीत का परचम लहराएगी.

यह तो समय बताएगा कि कांग्रेस, रायबरेली और अमेठी पर अंतिम निर्णय क्या करती है, लेकिन प्रत्याशियों के ऐलान के लिए खिंचता इंतजार, कांग्रेस और बीजेपी, दोनों की बेचैनी बढ़ा रहा है.

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