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‘हीरामंडी’ संजय लीला भंसाली का नया साकार, OTT को देगा नया आकार!

नेटफ्लिक्स पर हीरामंडी रिलीज होने से पहले ही सुर्खियों में आ गई है. ओटीटी पर संजय लीला भंसाली की इस महत्वाकांक्षी सीरिज का पहला गाना चर्चाओं में है. इस गाने से जुड़ी विशेष बातें, आइए जानते हैं.

नेटफ्लिक्स (OTT Platform Netflix) की ऑरिजनल सीरीज हीरामंडी सुर्खियों में है. हीरामंडी (Heeramandi:The Diamond Bazaar) तवायफों के जीवन पर आधारित है. जिसका एक गाना ‘सकल बन’ बीते दिनों यानि 9 मार्च 2024 को रिलीज हुआ है. इस गाने को देखने के बाद सिने प्रेमियों में संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) के नए साकार को देखने की उत्सुकता चरम पर पहुंच गई है.

हालांकि जिस गाने को रिलीज किया गया है, उसके बोल हिंदी-उर्दू जबान के चाहने वालों के लिए नए नहीं हैं. इन बोलों को तो 800 बरस पहले ही लिखा जा चुका था. ये बात दीगर है कि संजय लीला भंसाली की आने वाली इस सीरिज ने एक बार फिर इस गीत को नया आयाम दिया है और लोगों की याद को ताजा किया है, लेकिन क्या आप जानते हैं? जिस सॉंग की सेल्युलाइड की दुनिया में चर्चा हो रही है. उसे सबसे पहले कब और किसने और किसके लिए गाया था? इसका किस्सा बड़ा ही रोचक है.

सूफी संत हजरत अमीर खुसरो इस गाने के जनक हैं. इस गीत को सबसे पहले गाने वाले यही शख्स थे. इनका संबंध दिल्ली सल्तनत से था. हजरत अमीर खुसरो का नाम संगीत, साहित्य के चाहने वाले आज भी बड़े ही अदब से लेते हैं.

हजरत अमीर खुसरो कोई मामूली इंसान नहीं थे. जानकार तो मानते हैं कि इनकी खूबियों को जानने में कई बरस भी लग सकते हैं. अमीर खुसरो के नाम इतिहास में एक से बढ़कर एक कई कारनामे दर्ज हैं.

अमीर खुसरो को हिंदुस्तान का पहला इतिहासकार भी कहा जाता है. दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली ‘खड़ी बोली’ का पहला लोकप्रिय कवि अमीर खुसरो को ही माना जाता है. इसके साथ ही पहली गजल लिखने का भी श्रेय भी इन्ही को जाता है.

हिंदी भाषा-बोली के विकास में इनका योगदान आज भी स्कूल-कॉलेजों की किताबों में दर्ज है. इनकी एक खूबी और भी है, ये अच्छे संगीतकार और गायक भी थे. ढोलक से ‘तबला’ और ‘सितार’ जैसे वाद्य यंत्र संगीत की दुनिया में दाखिल करने का सेहरा इन्ही के सिर जाता है.

इस गीत को लेकर ऐसी मान्यता है कि हजरत अमीर खुसरो के मुर्शिद यानि गुरू हजरत निजामुद्दीन औलिया भांजे ख्वाजा तकीउद्दीन नूंह की अचानक मौत से दुखी रहने लगे. उनकी ऐसी हालत को लेकर अमीर खुसरो को चिंता हुई. उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए अमीर खुसरो तरकीब ढूंढने लगे.

एक दिन दिल्ली के पास गांव की महिलाएं पीली साड़ी पहने, सरसों के फूल लिए और गीत गाते हुए जा रही थीं. अमीर खुसरो ने इसकी वजह पूछी. महिलाओं ने कहा वे अपने भगवान खुश करने के लिए पीले फूल चढ़ाने के मंदिर जा रही हैं. उस दिन बसंत का पर्व था

अमीर खुसरो ने महिलाओं से पूछा, क्या ऐसा करने से वाकई ईश्वर खुश हो जाते हैं? ‘हां’ महिलाओं ने उत्तर दिया.इसके बाद अमीर खुसरो पीली साड़ी पहनकर, हाथों में पीले फूल लेकर ‘सकल बन फूल रही सरसों’ गीत गाते हुए हजरत निजामुद्दीन औलिया के पास पहुंचे.

अमीर खुसरो की ऐसी छवि देख उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई. कहते हैं उसी दिन से सूफियों की दरगाहों पर बसंत उत्सव मनाने की परंपरा शुरू हुई.

सकल बन फूल रही सरसों
नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली सीरीज हीरामंडी (Heeramandi) का ये गाना संजय लीला भंसाली के करियर को भव्यता प्रदान कर रहा है. इस गाने को जिस तरह से कैमरे के सामने प्रस्तुत किया गया है, वो शानदार है. सैकड़ों साल पहले लिखे इस गीत को जिस खूबसूरती से संजय लीला भंसाली ने अपने हुनर से तराशा है, वो काबिले तारीफ है.

पर्दे पर ऐसा साकार पेश करने का हुनर हिंदी सिनेमा में कम ही लोगों के पास है. ‘के आसिफ’, ‘कमाल अमरोही’ की परंपरा की आगे बढ़ाते हुए संजय लीला भंसाली ने ओटीटी पर कहानी कहने के मेयार को कई गुना बढ़ा दिया है. यहां पर आप भी इस मशहूर कलाम को पढ़ सकते हैं-

“सकल बन फूल रही सरसों

बन बन फूल रही सरसों

अम्बवा फूटे टेसू फूले

कोयल बोले डार-डार

और गोरी करत सिंगार

मलनियाँ गढवा ले आईं कर सों

सकल बन फूल रही सरसों

तरह तरह के फूल खिलाए

ले गढवा हाथन में आए

निजामुद्दीन के दरवज्जे पर

आवन कह गए आ’शिक़ रंग

और बीत गए बरसों

सकल बन फूल रही सरसों”

हीरामंडी में इसे बतौर गीत लिया गया है. जिसे आवाज दी है सिंगर ‘राजा हसन’ ने. 1 लाख 60 हजार वर्ग फुट में बनाए गए सेट में फिल्माए गए इस गीत में संजय लीला भंसाली की दूरदर्शिता और काबलियत की झलक मिलती है. उन्होने जहां इस गीत का निर्देशन किया है. वहीं इस गाने की एडिटिंग भी की है, जो इस गाने की खूबसूरती को एक अलग ही लेबल पर ले जाते हैं.

गाने को शूट करने के लिए जो सेट तैयार किया गया है. उसमें इंडो इस्मलामिक शैली और मुगलकालीन वास्तुकला की झलक दिखाई देती है. हर बारीक से बारीक चीजों का पूरा ध्यान रखा गया है. रंग, मेहराब, फुव्वारे और चारबाग शैली इस गाने की सुंदरता में बेल बूटे लगाने जैसे लगाती हैं.

गाने में मनीषा कोइराला, रिचा चड्ढा और अदिति रॉय हैदरी सहित सभी कास्ट अपने आउटफिट में बहुत ही सुंदर नजर आ रही हैं. इसके अलावा अपने डांस से यह एक्ट्रेस सभी को प्रभावित भी कर रही हैं.

‘राग बहार’ पर आधारित इस गीत में मनीषा कोइराला का डांस भी भावपूर्ण है. इस सीरिज के माध्यम से लंबे समय बाद मनीषा कोइराला के चाहने वालों को उनकी अदाकारी का नया रूप देखने को मिलेगा. इसमे कोई दो राय नहीं है कि संजय लीला भंसाली की ‘हीरामंडी’ ओटीटी पर एक नया कीर्तमान रचने आ रही है. जिसका सिने प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार है.

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