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रोंगटे खड़े करने वाली इन फिल्मों में दिखा महिलाओं का धाकड़ अंदाज, OTT पर आज ही देख लें

5 Women Based Movies: वैसे तो बॉलीवुड में महिलाओं पर आधारित कई फिल्में बनी हैं लेकिन कुछ फिल्में ऐसी हैं जो आम लोगों की सोच से बिल्कुल परे है.अलग अनुभव के लिए इन फिल्मों को एक बार जरूर देखना चाहिए.

5 Women Based Movies: बॉलीवुड में जो भी फिल्में बनती हैं उनमें से ज्यादातर हीरो के इर्द-गिर्द रची गई कहानियों पर ही होती हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से ये बदलाव जरूर आया है कि अब फिल्ममेकर महिला प्रधान फिल्मों पर भी फोकस कर रहे हैं. कुछ ऐसी ही बॉलीवुड की महिला प्रधान फिल्में हैं जिन्हें एक बार ओटीटी पर आपको भी देखनी चाहिए.

यहां हम जिन फिल्मों की लिस्ट आपको बताएंगे उसमें कुछ फिल्में पुरानी हैं तो कुछ आज के दौर की है. सभी फिल्मों में महिलाओं के अलग-अलग रूप आपको देखने को मिलेंगे जिनमें कोई ना कोई सीख भी छिपी हुई है.

महिलाओं पर आधारित हैं ये फिल्में

इस लिस्ट में जितनी भी फिल्मों को लिया है ये महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाया गया है लेकिन इन फिल्मों को देखकर सेंसर बोर्ड हैरान रह गया. कुछ फिल्मों पर तो कानूनी कार्रवाई भी हुई.

लिपस्टिक अंडर माई बुर्का

साल 2017 में आई अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ में चार औरतों की कहानी दिखाई गई है, जो आजादी की तलाश कर रही हैं. इसमें एक पॉप सिंगर बनने का सपना देखती हैं, दूसरी ब्यूटीशियन का काम करती है, तीसरी पीड़ित हाउसवाइफ है और चौथी विधवा है. सभी की अपनी कहानी है जो अलग-अलग ढंग से दिखाई गई. इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने रिलीज से रोक दिया था लेकिन बाद में मशक्कत करने के बाद रिलीज हुई. इस फिल्म को आप यूट्यूब पर देख सकते हैं.

फायर

साल 1998 में आई फिल्म ‘फायर’ का निर्देशन दीपा मेहता ने किया था. इस फिल्म में दो लड़कियों की प्रेम कहानी दिखाई गई है जिसका किरदार शबाना आजमी और नंदिता दास ने निभाया. इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई, कई सीन कटवाए लेकिन फिर भी ये मामला सुप्रीम कोर्ट गया. इस फिल्म को आप यूट्यूब पर देख सकते हैं.

मार्गरीटा, विद अ स्ट्रॉ

साल 2015 में आई फिल्म ‘मार्गरीटा विद अ स्ट्रॉ’ में एक लड़की की कहानी दिखाई गई है. जिसे चलने और बोलने में दिक्कत होती है और व्हीलचेयर पर रहती है. फिर भी वो सारी इच्छाओं को पूरा करना चाहती है. सेंसर बोर्ड ने कुछ सीन हटाने को कहा था और बाद में ये फिल्म कमेटी पर जाकर पास हुई. इस फिल्म को आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं.

बैंडिट क्वीन

साल 1994 में एक दलित लड़की की कहानी दिखाई गई है जो लोगों के अत्याचारों से ऊबकर डाकू बन जाती है. इसे भारत में बैन कर दिया गया था, ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें जो बर्बरता दिखाई गई उसे रॉ तरीके से दिखाया गया. फिल्म को बैन करने की वजह राजनीतिक बताई गई थीं लेकिन फिर भी ये रिलीज हुई. अभी इस फिल्म को आप यूट्यूब पर देख सकते हैं.

लज्जा

साल 2001 में आई फिल्म लज्जा में महिलाओं की अलग-अलग कहानियां दिखाई गई हैं. इस फिल्म में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों की कहानी दिखाई गई. इस फिल्म को आप अमेजन प्राइम वीडियो और यूट्यूब पर देख सकते हैं.

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